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________________ પ્રતિક્રમણસૂત્ર निकिने * नमो नमो निम्मलदंसणस्स Folder 21 | सूत्र - अभ्यास साहित्य Printed कुलकिताबें →5 भाषा- गु०प्रा०सं० कुलपृष्ठ 1428 — मुनि दीपरत्नसागर की 585...... જૈન એડ્યુકેશનલ સર્ટીફિકેટ કોર્સ इस इक्कीसवे फोल्डर में पाँच किताबे हैं । प्रतिक्रमण सूत्र अभिनव विवेचन भाग १ से ४, चार किताबें + जैन एड्युकेशनल सर्टिफिकेट कोर्स- १ किताब । [१-४] प्रतिक्रमण सूत्र अभिनव विवेचन ये चार किताबों को मिलाकर हमने दो प्रतिक्रमण सूत्र का विवेचन लिखा है । अभिनवविवेचन में मैंने आगम और पूर्वाचार्य रचित ग्रंथो का सहारा लेकर, मूलसूत्र के महत्त्वपूर्ण शब्द, प्रत्येक वाक्य अथवा गाथाओं के प्रत्येक चरण का अति विस्तृत विवेचन किया है, इसमे अनेक संदर्भ साहित्य और आगमो के साक्षी-पाठ दे दिए है । यहाँ हमने सप्तांग विवरण किया है के । (१) सूत्र का विषय, (२) दो प्रतिक्रमण सूत्रों मूल पाठ, (३) सूत्र का अर्थ, (४) सूत्र में आए हुए शब्दों का ज्ञान, (५) १०० से ज्यादा संदर्भ ग्रन्थों का आधार लेकर किया गया विवेचन, (६) विशेष कथन एवं (७) सूत्रनोंध | इसके अलावा अंत में हमने दो प्रतिक्रमण के गुजराती, संस्कृत, प्राकृत शब्दों की एक सूचि, उनके सूत्रक्रम एवं स्थान निर्देश के साथ तैयार करके दिये हैं । इसकी लेखन प्रद्धत्ति अति आधुनिक शिक्षण प्रणालि को सामने रखकर स्वीकृत की गई हैं । जिस से प्रतिक्रमण सूत्रों के प्रत्येक शब्द का पूरा एवं विशद् बोध प्राप्त हो सकता है। [५] जैन एड्युकेशनल सर्टीफिकेट कोर्स- यह धार्मिक अभ्यास एवं उसकी Exam के लिए तैयार किया गया पुस्तक है । इस में हमने ६ श्रेणी तैयार की है । यह छह धोरण पूर्ण करनेवालों को पंच प्रतिक्रमण सूत्र का, सामायिक-वंदन - चैत्यवंदन-प्रतिक्रमणस्नात्र पढ़ाना, पौषध लेना- पारना, पडिलेहण-देववंदन इत्यादि सभी विधियों का, २४ तीर्थंकरों के २० बोल, उपयोगी स्तुति-चैत्यवंदन - स्तवन- थोय के जोड़े सज्झाय का, छोटीछोटी ३० कथाओं का, किंचित् जैन भूगोल का, १८० प्रश्नों में धर्म-बोध एवं सूत्र संबंधी प्रश्नों का इत्यादि बहोत सारा ज्ञान प्राप्त होता है, फिर भी सिर्फ १७० पृष्ठों में ये समाविष्ट हैं । નિ દીપરત્નસાગર मनि दीपरत्नसागर... Muni Deepratna Sagar's 585 Books [1,03,130 Pages] Email: jainmunideepratnasagar@gmail.com Mobile: +91-9825967397 .. साहित्य कृतियो का परिचय Page 29 of 60
SR No.031012
Book TitleDeepratnasagars Ssaahity Yaatraa Of 585 Publications 2017
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages60
LanguageHindi
ClassificationPublishers & Catalogue
File Size14 MB
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