SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 16
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स Folder - 08 On Line आगममंजूषा २] आधारो आगम मजूषा Net कुल किताबें - 53 भाषा- प्राकृत कुल पृष्ठ 1521| पुनः संकलन एवं नुनकता मुनि दीपरत्नसागरmmunnal इस आठवें फोल्डर में हमने 53 प्रकाशनों को सम्मिलित किया है, पूज्य आगमोद्धारक आचार्य श्री सागरानंदसूरीश्वरजी ने करीब 70 साल पहले मार्बल एवं तामपत्र पर इस आगममंजूषा को अंकित और 20x30 के पेपर पर भी print करवाया था, वही आगममंजुषा को हमने किंचित् परिमार्जित करके, प्रत स्वरूपमें तबदील करके लेंडस्केप A-4 साईझ में Net Publication रूप से आपके सामने प्रस्तुत किया है | आप इसे इंटरनेट पर 'jainelibrary.org' खोलकर, search में जा कर Deepratnasagar लिखिए और पाइए मेरे सभी प्रकाशन 'टोटल फ्री' | 'आगममञ्जूषा' मूल-रूपसे तो ये 1370 सलंग पृष्ठोमे print हुइ थी, मगर उसमें ४५ मूल-आगम, 2 वैकल्पिक-आगम, कल्पसूत्र, 5 आगम कि नियुक्तियाँ शामिल थी, हमारे Net Publications में हमने इसका थोड़ा उपयोगिता मूल्य बढ़ाकर ५३ स्वतंत्र कृति के रूप में अलग-अलग पुस्तक तैयार करके सीधे ही Online (Free to air) रखे हैं। प्रत्येक किताब के साथ प्रस्तावनारूप पृष्ठ और स्वतंत्र Title जोड़कर, पूज्यश्री संपादित साहित्य जो अब तक आरस पत्थर, तामपत्र या 20x30 के बड़े कागझ पे था, उसे आप A-4 की और प्रताकार साईझ में छोटी-छोटी किताब स्वरुप से पा शके, इस तरह पुन: संपादित किया है | इस DVD में उसी आगम-शाश्त्रो को स्वतंत्र ५३ पुस्तक रूप में रखा है । ये एक net-publication है जिसे कोई भी फ्री डाउनलोड कर शकता है। - मुनि दीपरत्नसागर Muni DeepratnaSagar's 585 Books (1,03,130 Pages] Mobile: +91-9825967397 Email: jainmunideepratnasagar@gmail.com मुनि दीपरत्नसागर की 585..... | Page 16 of 60 | ....साहित्य कृतियो का परिचय
SR No.031012
Book TitleDeepratnasagars Ssaahity Yaatraa Of 585 Publications 2017
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages60
LanguageHindi
ClassificationPublishers & Catalogue
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy