SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 14
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स Folder - 06 आगमसुत्ताणि सटीक कुलकिताबें - 46 भाषा- संस्कृत,प्राकृत कुलपृष्ठ 13806 आयामलाण (सटीक) आवारा सूर्व- सटीक मानापसनसागर * इस छढे फोल्डर में हमने हमारे ४६ प्रकाशनों को सम्मिलित किया है, जो कि अर्धमागधी भाषा में प्ररूपित मूल आगमसूत्र पर संस्कृत या प्राकृत भाषा में वृत्ति या चूर्णि रूप से विवेचन स्वरूप है । 'आगम-सुत्ताणि सटीकं' नाम के इस प्रकाशन में 45+1 वैकल्पिक आगम मिलाकर 46 आगम सामिल किए है | इन आगमो में 38 आगमो की वृत्ति या चूर्णि का सम्पादन किया है, जिस के साथ साथ उपलब्ध नियुक्ति एवं भाष्यों को भी स्थान दिया है, 2 आगमो की अवचूरी प्राप्त हुई है, शेष 5 पयन्ना की संस्कृत छाया प्रकाशित करवाई है, महानिशीथ पर कोई भी वृत्ति आदि उपलब्ध न होनेसे उसे मूल-रूपसे रखा है। हमने 30 भागोंमे इसे print करवाया था, वे अब 46 किताबो के रुपमें हमने इंटरनेट पर अपलोड किए है | आप 'www.jainelibrary.org' खोलकर, search में जा कर Deepratnasagar लिखिए और पाइए मेरे सभी प्रकाशन 'टोटल फ्री' | समग्र विश्वमें 'पुस्तकों' के रुपमे 45 आगम टीका सहित प्राप्त हो ऐसा यह पहेला और एकमात्र प्रकाशन है । मूल-आगम, गुजराती-अनुवाद, हिन्दी-अनुवाद, आगम-सटीकं, इन सभी संपुटो में एक समान सूत्रांक होने से अभ्यासको को अपने पठन-पाठन, खोज-संशोधन आदिमें सूत्र-पाठ मिलाने तथा अर्थ या वृत्ति देखने की बहोत सुविधा रहती है | ये किताबे 8.75 x 5.75 की साईझ में print हुई है। ये एक net-publication है जिसे कोई भी फ्री डाउनलोड कर शकता है | - मुनि दीपरत्नसागर Muni DeepratnaSagar's 585 Books [1,03,130 Pages] Mobile: +91-9825967397 Email: jainmunideepratnasagar@gmail.com मुनि दीपरत्नसागर की 585..... Page 14 of 60 | .....साहित्य कृतियो का परिचय
SR No.031012
Book TitleDeepratnasagars Ssaahity Yaatraa Of 585 Publications 2017
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages60
LanguageHindi
ClassificationPublishers & Catalogue
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy