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________________ विषय सुख, ‘री पे' करना... २२७ है कुदरती, लेकिन लिमिट... २५९ [४] विषय भोग, नहीं हैं निकाली अब से सावधान २६० विषय भोग को 'निकाली बात'...२३२ [६] आत्मा अकर्ता - अभोक्ता उसे मिले एकावतारी बॉन्ड २३३ विज्ञान की दृष्टि से ... कौन? २६१ ब्रह्मनिष्ठा बिठाएँ ज्ञानी २३४ 'सूक्ष्मतम', 'स्थूल' को... २६५ उदयकर्म के नाम पर पोल २३४ ज्ञानी के शब्द सोने की कटार २६६ निर्विषयी होना ही पडेगा २३६ नहीं है लेना-देना... इससे २६६ नहीं चलेगी पोल, भीतर में २३७ सावधान! न हो जाए... २६७ चार्ज-डिस्चार्ज की भेदरेखा २३८ विषय में कपट भी विष है २६९ जलन का मारा खोजे, विषय... २४१ ज्ञानीपुरुष से मिलने पर भी... २७० अहंकार की मान्यता का सुख २४१ [७] आकर्षण-विकर्षण का इस ज्ञान को जान लो २४३ सिद्धांत अक्रम विज्ञान ने दी छूट... २४३ आकर्षण क्या है? वह समझ...२७२ भगवान के ताबे में या स्त्री के ?२४५ परमाणु में भर गया पावर २७४ अक्रम विज्ञान क्या कहता है ? २४६ वहाँ तत्वदृष्टि से ही मुक्ति २७६ विषय, दूर कराए आत्मानुभव २४८ जहाँ आकर्षण, वहाँ... प्रतिक्रमण२७७ [५] संसारवृक्ष की जड़, विषय [८] ब्रह्मचर्य हेतु वैज्ञानिक कॉमनसेन्स से टलें टकराव २५० 'गाइड' फर्क, विषय और कषाय में २५१ खुले रहस्य ब्रह्मचर्य संबंधित २७९ दोष है अज्ञानता का २५२ ज्ञानी के अलावा कौन... रोग? २८० क्रमिक में विचारों द्वारा प्रगति २५३ खरा ब्रह्मचारी ही बोले... पर २८१ किस अपेक्षा से विषय बंधन... २५४ नहीं की बात किसी बाप ने २८३ विषय को कहा, नो-कषाय २५५ 'गाइड' का उपयोग... पास २८५ बड़ा दोष, विषय की तुलना... २५६ पुस्तक पढ़कर भी... ब्रह्मचर्य २८५ विषय, वह है इफेक्ट २५८ दादा करें जीर्णोद्धार,... का २८६ 36
SR No.030110
Book TitleSamaz se Prapta Bramhacharya Uttararddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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