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________________ समझ से प्राप्त ब्रह्मचर्य (पू) दादाश्री : वह तो ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करोगे तो सरप्लस आ जाएगा। ब्रह्मचर्य सारे नुकसान की भरपाई कर देता है, हर तरह के नुकसान की भरपाई कर देता है I ३०० प्रश्नकर्ता : इस तरह बहुत सारे खराब विचार आए तो ? ऐसी इच्छा नहीं होती, लेकिन संयोग मिलते ही विचार आते हैं और कभी कभार स्लिप हो जाते हैं 1 दादाश्री : इच्छा तो आपकी है नहीं, लेकिन अगर चिकनी मिट्टी में जाओगे तो फिर क्या होगा ? अपने आप स्लिप हो जाओगे । यानी यह सारा जो पिछला उधार है न, वह वापस गड़बड़ करवाता है। वे गड़बड़ियाँ खत्म तो करनी पड़ेंगी न! इच्छा तो अभी है ही नहीं, लेकिन क्या हो सकता है ? प्रश्नकर्ता : वह कच्चा रह गया कहलाएगा ? दादाश्री : ऐसा है कि जिसने ब्रह्मचर्य बिगाड़ दिया, उसका सबकुछ बिगड़ गया। प्रश्नकर्ता : सभी के साथ रहने का हो जाए तो जल्दीजल्दी नुकसान की भरपाई हो जाएगी न? दादाश्री : हाँ, जल्दी से सारे नुकसान की भरपाई हो जाएगी। नुकसान की भरपाई हो जाने के बाद तेज़ी आती है, फायदा मिलता है। फिर तो वचनबल भी उत्पन्न हो जाता है। जैसा बोलते हैं, वैसा हो जाता है। अभी तो मेहनत करते हैं फिर भी मेहनत व्यर्थ जाती है, यहाँ आना हो, फिर भी देर हो जाती है, और अंदर फिर टिमिडनेस(घबराहट) के विचार आते हैं, उससे सारे काम उलझ जाते हैं। इसलिए इन मन-वचन-काया से अच्छी तरह से ब्रह्मचर्य पालन करोगे न, तो दिनोंदिन सारे नुकसान की भरपाई हो जाएगी। ब्रह्मचर्य सँभल पाए, तो चेहरे पर कुछ नूर आएगा। नूर तो होना ही चाहिए न ? वर्ना यह भी पता नहीं चलता न कि किस
SR No.030109
Book TitleSamaz se Prapta Bramhacharya Purvardh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2014
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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