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________________ पछतावे सहित प्रतिक्रमण (खं-2-७) १९१ करना चाहिए? तुरंत ही एक घंटे तक दादा से माँग करना कि, 'दादा, मुझे ब्रह्मचर्य की शक्ति दीजिए।' ताकि शक्ति मिल जाए और प्रतिक्रमण भी हो जाएँ। फिर दिमाग़ में उसकी ‘वरीज़' (चिंता) मत रखना। गड्ढे में गिरे तो तुरंत ही सामायिक करके धो देना। सामायिक यानी हाथ-पैर धोकर, कपड़े धो-कर, सूखाकर और समेटकर साफ-सुथरे हो जाना। तुरंत सामायिक नहीं हो सके तो दो-चार घंटों बाद भी कर लेना, लेकिन लक्ष्य में रखना है कि सामायिक करनी बाकी है। भगवान ने ऐसा नहीं कहा है कि, 'तू गड्ढे में मत गिरना।' भगवान ने तो ऐसा कहा है कि, 'गड्ढे में गिरने जैसा नहीं है, सीधे रास्ते पर चलने जैसा है।' ऐसा अभिप्राय दिया था। फिर कोई कहेगा कि, 'आपने मना किया है और मैं गिर गया तो क्या करूँ?' तब भगवान कहते हैं, 'गिर गए तो उसमें हर्ज नहीं है, अगर गिर जाए तो तू धो देना और अभी इस्त्रीवाले कपड़े पहन ले।' एक घंटा सामायिक कर ली तो फिर कोई रुकावट नहीं रहेगी। किंचितमात्र भी रुकावट रहे तो मेरी ज़िम्मेदारी, फिर इतने छोटे गड्ढे में गिरे या बड़े गड्ढे में गिरे, लेकिन डूबेगा नहीं!!! पूरा जगत् बिना गड्ढे के डूब रहा है, ढक्कन तक में डूब जाते हैं!
SR No.030109
Book TitleSamaz se Prapta Bramhacharya Purvardh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2014
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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