SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 41
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ टकराव टालो मत आओ टकराव में 'किसी के साथ टकराव में मत आना और टकराव टालना।' हमारे इस वाक्य का यदि आराधन करोगे तो ठेठ मोक्ष तक पहुँचोगे। हमारा एक ही शब्द, ज्यों का त्यों, पूरा का पूरा गले उतार ले, तो भी मोक्ष हाथ में आ जाए, ऐसा है। हमारे एक शब्द का यदि एक दिन भी पालन करे तो ग़ज़ब की शक्ति उत्पन्न होगी! भीतर इतनी सारी शक्तियाँ हैं कि कोई कैसे भी टकराव करने आए, फिर भी हम उसे टाल सकते हैं। यदि भूल से भी तुम किसी के टकराव में आ गए तो उसका समाधान कर लेना। सहजता से, उस टकराव में से घर्षण की चिंगारियाँ उड़ाए बिना निकल जाना। ___ ट्रैफिक के लॉ से टले टकराव प्रत्येक टकराव में हमेशा दोनों को नुकसान होता है। आप सामनेवाले को दुःख पहुँचाओगे तो साथ साथ, वैसे ही, उसी क्षण आपको भी दुःख पहुँचे बगैर रहेगा नहीं। यह टकराव है। इसलिए मैंने यह उदाहरण दिया है कि रोड पर ट्रैफिक का धर्म क्या है, कि टकराओगे तो आप मर जाओगे, टकराने में जोखिम है। इसलिए किसी के साथ टकराना नहीं। इसी प्रकार व्यवहारिक कार्यों में भी टकराना नहीं। यदि कोई आदमी लडने आए और शब्द बम के गोले जैसे आ रहे हों, तब आपको समझ लेना चाहिए कि टकराव टालना है। आपके मन पर बिल्कुल असर न हो, फिर भी कभी कोई असर हो जाए, तब समझना चाहिए कि सामनेवाले के मन का असर हम पर पड़ा है। तब हमें खिसक जाना चाहिए। यह सब टकराव है। इसे जैसे-जैसे समझते जाओगे, वैसे-वैसे टकराव टलते जाएँगे। टकराव टालने से मोक्ष होता है। टकराव से यह जगत् निर्मित हुआ है। उसे भगवान ने, 'बैर से बना ३८
SR No.030102
Book TitleAatmsakshatkar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages60
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy