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________________ ज्ञानीपुरुष, वर्ल्ड के ग्रेटेस्ट साइन्टिस्ट वह तो 'ज्ञानीपुरुष' ही हैं जो वर्ल्ड के ग्रेटेस्ट साइन्टिस्ट हैं, वे ही जान सकते हैं, और वे ही दोनों को अलग कर सकते हैं। वे आत्माअनात्मा का विभाजन कर देते हैं इतना ही नहीं, लेकिन आपके पापों को जलाकर भस्मीभूत कर देते हैं, दिव्यचक्षु देते हैं और यह जगत् क्या है, किस तरह से चल रहा है, कौन चला रहा है', वगैरह सभी स्पष्ट कर देते हैं, तब जाकर अपना काम पूर्ण होता है। ___करोड़ों जन्मों के पुण्य जागें तब 'ज्ञानी' के दर्शन होते हैं, नहीं तो दर्शन ही कहाँ से हो पाएँगे? ज्ञान की प्राप्ति करने के लिए 'ज्ञानी' को पहचान! और कोई रास्ता नहीं है । ढूँढनेवाले को मिल ही जाते हैं ! ६. 'ज्ञानीपुरुष कौन?' संत और ज्ञानी की व्याख्या प्रश्नकर्ता : ये जो सभी संत हो चुके हैं, उनमें और ज्ञानी में कितना अंतर है? दादाश्री : संत कमज़ोरी छुड़वाते हैं और अच्छी चीज़ सिखाते हैं (अच्छाइयाँ सिखाते); जो गलत काम छुड़वाएँ और अच्छा पकड़वाएँ वे संत कहलाते हैं। जो पाप कर्म से बचाएँ वे संत हैं लेकिन जो पाप और पुण्य दोनों से बचाएँ वे ज्ञानीपुरुष कहलाते हैं। संतपुरुष सही रास्ते पर ले जाते हैं और ज्ञानीपुरुष मुक्ति दिलवाते हैं। ज्ञानीपुरुष तो अंतिम विशेषण कहलाते हैं, वह अपना काम ही निकाल ले। सच्चे ज्ञानी कौन? कि जिनमें अहंकार और ममता दोनों न हों। जिसे आत्मा का संपूर्ण अनुभव हो चुका है, वे 'ज्ञानीपुरुष' कहलाते हैं। वे पूरे ब्रह्मांड का वर्णन कर सकते हैं। सभी सवालों का जवाब दे सकते हैं। ज्ञानीपुरुष अर्थात् वर्ल्ड का आश्चर्य । ज्ञानीपुरुष अर्थात् प्रकट दीया। १२
SR No.030102
Book TitleAatmsakshatkar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages60
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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