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________________ [१.६] क्या प्रकृति पर प्रभुत्व प्राप्त किया जा सकता है? काबू करना गुनाह है प्रश्नकर्ता : प्रकृति को काबू में किस तरह लाया जा सकता है? दादाश्री : प्रकृति को काबू में लेने जाना गुनाह है क्योंकि प्रकृति तो परिणाम है। परिणाम को काबू में नहीं लिया जा सकता। कॉज़ेज़ को काबू में लिया जा सकता है। कॉज़ेज़ अपने हाथ में होते हैं, परिणाम हाथ में नहीं होते। अर्थात् पूरी प्रकृति परिणाम स्वरूपी है। जैसे कि स्कूल, कॉलेज में रिज़ल्ट देते हैं, उस रिज़ल्ट को काबू में लेने जाएँ तो? परीक्षा को काबू में लिया जा सकता है। यह फर्क तुझे समझ में आया पूरी तरह से? यह प्रकृति परिणाम स्वरूप है, ऐसा समझ में आता है? हाँ, कॉज़ेज़ बंद किए जा सकते हैं। क्रोध-मान-माया-लोभ में बदलाव हो सकता है। जो कॉज़ेज़ हैं उनमें बदलाव हो सकता है। कॉज़ेज़ में बदलाव होने से प्रकृति मंद हो जाती है। अर्थात् रंग-रूप बदल जाते हैं। प्रकृति अपना काम करेगी लेकिन रंग बदल जाते हैं अर्थात् हल्के पड़ जाते हैं। इससे मन में ऐसा लगता है कि प्रकृति भी बदल गई। नहीं, बदलती नहीं है! इफेक्ट है। इफेक्ट कैसे बदल सकता है? यदि इफेक्ट बदल सकते तब तो भगवान महावीर को इफेक्ट भोगने ही नहीं पड़ते! कान में कीलें लगवाने को क्यों रहते? कितनी सुंदर खोज है यह इफेक्ट की! प्रकृति को हमें पहचानना चाहिए कि यह गुलाब है, गुलाब क्या अपने वश में आ सकता है? काँटे नहीं चुभे ऐसा कर सकता है? हमें
SR No.030023
Book TitleAptavani Shreni 13 Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2015
Total Pages518
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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