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________________ सावधान जीव, अंतिम पलों में (८) १२७ के कारण शोर मचाता है, नहीं तो रोने से कहीं वापस आएगा क्या? बहुत रोने से क्या बेटा वापस आ जाएगा? क्यों? छह महीनों तक रोता रहे तो? प्रश्नकर्ता : तब भी नहीं आएगा। दादाश्री : फिर भी लोगों को कल्पांत करते हुए देखा है न? इसे कल्पांत क्यों कहते होंगे? 'कल्प' के अंत तक भटकेंगे। एक बार ऐसा कल्पांत किया तो 'कल्प' के अंत तक भटकना पड़ेगा, एक पूरे 'कल्प' के अंत तक भटकना पड़ेगा! __ लौकिक, 'शॉर्ट' में पूरा करो बूढ़े चाचा बीमार हों और आपने डॉक्टर को बुलाया, सभी इलाज करवाया, फिर भी चल बसे। फिर शोक प्रदर्शित करनेवाले होते हैं न, वे आश्वासन देने आते हैं। फिर पूछते हैं, 'क्या हो गया था चाचा को?' तब आप कहो कि असल में मलेरिया जैसा लगता था, पर फिर डॉक्टर ने बताया कि यह तो जरा फ्लू जैसा है!' वे पूछेगे कि किस डॉक्टर को बुलाया था? आप कहो कि फलाँ को। तब कहेंगे, 'आपमें अक्कल नहीं है। उस डॉक्टर को बुलाने की ज़रूरत थी।' फिर दूसरा आकर आपको डाँटेगा, 'ऐसा करना चाहिए न! ऐसी बेवकूफी की बात करते हो?' यानी सारा दिन लोग डाँटते ही रहते हैं! इसलिए ये लोग तो उलटे चढ़ बैठते हैं, आपकी सरलता का लाभ उठाते हैं। इसलिए मैं आपको समझाता हूँ कि लोग जब दूसरे दिन पूछने आएँ तो आपको क्या कहना चाहिए कि भाई, चाचा को ज़रा बुख़ार आया और टप्प हो गए, और कुछ हुआ नहीं था।' तो लोग आगे पूछना बंद कर देंगे। आप कुछ समझदारीवाला बोलोगे तो सीधा रहेगा, नहीं तो आप ऐसे विस्तारपूर्वक कहने जाओगे तो लोग उलझा देंगे और आपको नोच खाएँगे। इसके बजाय, 'बुखार आया और टप' कहा कि पूरा निबेड़ा आ गया!
SR No.030018
Book TitleAptavani Shreni 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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