SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 140
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आप्तवाणी-६ ११५ हैं। अपने जैसे पुण्यशाली तो कोई ही होंगे कि जो बिना गिने लें। इसलिए अपना तो ऐसे के ऐसे ही निकल जाएगा। इसमें टाइम कौन वेस्ट करे? तब उसने कहा कि, 'पाँच-पाँच पैसे हों, तब भी मैं गिनकर लूँगा!' धन्यभाग हैं इनके! ऐसे उपयोग व्यर्थ जाता है, स्लिप हो जाता है। यदि शुद्धात्मा में उपयोग होगा तो वह सभी जगह पर हेल्प करेगा। खाएँ, पीएँ, व्यवसाय करें, उन सभी जगह पर 'हेल्प' होगी। क्योंकि आत्मा (प्रतिष्ठित) इसमें और कुछ नहीं करता, सिर्फ दख़ल ही करता रहता है। दख़ल का अर्थ क्या होता है? कोई पूछे कि 'दही किस तरह बनता है? वह मुझे सिखाइए, मुझे बनाना है।' तो मैं उसे तरीका बताऊँ कि दूध गरम करके, ठंडा करना। फिर उसमें एक चम्मच दही डालकर हिलाना। फिर ढंककर आराम से सो जाना, फिर कुछ भी मत करना। अब वह रात को दो बजे 'यूरिन' के लिए उठा हो, तब वापस अंदर रसोई में जाकर दही में उँगली डालकर हिलाकर देखता है कि दही बन रहा है या नहीं? इसे दख़ल करना कहते हैं, और उससे सुबह दही में गड़बड़ हो जाती है! इसी तरह इस संसार में गड़बड़ करके लोग जीते हैं! आत्मा का उपयोग नहीं हटने देना, उसी को उपयोग जागृति कहते हैं। उपयोग किसे कहते है? मान लो डेढ़ मील तक दोनों तरफ़ समुद्र हो और बीच में एक ही आदमी चल सके, उतने संकरे पुल पर से आपको चलने को कहा हो तो उस समय जो जागृति रखते हो, उसे उपयोग कहते हैं। अब उस घड़ी यदि बैंक का विचार आए कि इतनी रकम बची है और इतनी भरनी है, तो उसे तुरंत ही एक तरफ़ धकेल देता है और जागृति को पुल पर चलने के लिए ही 'कोन्सेन्ट्रेट' करता है! शास्त्रकारों ने कहा है कि खाते समय, पीते समय उपयोग रखो, हर एक काम करते समय उपयोग में रहो। उपयोग अर्थात् खाते समय अन्य कुछ भी नहीं हो। चित्त को हाज़िर रखना, वह उपयोग है। समुद्र दोनों तरफ़ हो, वहाँ पर चित्त को हाज़िर रखेगा या नहीं रखेगा? छोटे बच्चे भी खेल को एक तरफ़ रखकर जागृत हो जाएँगे! वे भी बहुत पक्के होते हैं!
SR No.030017
Book TitleAptavani Shreni 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy