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________________ [१५] उपयोग सहित वहीं पर 'जागृति', उपयोग रहित वह 'मिकेनिकल' प्रश्नकर्ता : ‘मिकेनिकल' और 'जागृतिपूर्वक', इन दोनों के बीच का फर्क समझाइए। दादाश्री : पूरा जगत् नींद में चल रहा है। वह सब ‘मिकेनिकल' (भौतिक की तरफ झुकाववाला) कहलाता है। उसे भावनिद्रा कहा है। ये सब भावनिद्रावाले, 'मिकेनिकल' कहे जाएँगे। अब हर एक व्यक्ति उसके खुद के व्यापार में, फ़ायदे-नुकसान में जागृत है या नहीं? यानी जब व्यवसाय करता है तब उसमें जागृतिपूर्वक रहता है, और बस में बैठते समय मनुष्य जागृत रहता है या नहीं? वहाँ पर 'मिकेनिकल' नहीं होता, जागृतिपूर्वक होता है। अब जगत् इसे जागृतिपूर्वक कहता है। वास्तव में तो यह भी ‘मिकेनिकल' ही है। फ़ॉरेन के काफी कुछ लोग ‘मिकेनिकल' ही कहलाते हैं। ये जानवर-तिर्यंच, ये सारे 'मिकेनिकल' कहलाते हैं न! प्रश्नकर्ता : ये देवी-देवता भी ‘मिकेनिकल' कहलाएँगे न? दादाश्री : देवी-देवता 'मिकेनिकल' नहीं कहलाते। उन्हें जागृति तो है। कछ देवी-देवता तो ऐसे हैं कि जिन्हें ऐसा पता चलता है कि खुद ‘मिकेनिकल' में रहते हैं। इसलिए वे इससे ऊब जाते हैं कि ऐसी अवस्था नहीं होनी चाहिए। सभी देवी-देवता ऐसे नहीं होते। उनमें से कईं तो ऐसे होते हैं कि बस मस्त होकर घूमते रहते हैं। वह 'मिकेनिकल' कहलाता
SR No.030017
Book TitleAptavani Shreni 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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