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________________ आप्तवाणी श्रेणी - २ जगत् स्वरूप जगत् क्या है? जगत् किसने बनाया? किसलिए बनाया? जगत् को चलानेवाला कौन है? अंग्रेज़ कहते हैं कि, 'गॉड इज़ क्रियेटर ऑफ दिस वर्ल्ड ।' मुस्लिम कहते हैं कि, 'जगत् अल्लाह ने बनाया है।' हिन्दू कहते हैं कि, 'जगत् भगवान ने बनाया है।' कुछ जैन भी कहते हैं कि, 'जगत् भगवान ने बनाया है।' जगत् को क्रियेट करनेवाला यदि कोई क्रियेटर होता तो वह क्रियेटर कहलाता और क्रियेटर का अर्थ कुम्हार होता है। भगवान के कौन से बच्चे कुँवारे रह जाते कि जिसके कारण उन्हें यह सब बनाना पड़ा? ये मिल के सेठ भी सेक्रेटरी को काम सौंपकर चैन से सो जाते हैं, ज़रा सी भी मेहनत नहीं करते, तो भला भगवान ऐसी मेहनत करते होंगे? जो मेहनत करे वह तो मज़दूर कहलाता है। भगवान तो क्या मज़दूर होते होंगे? भगवान ऐसे कोई मज़दूर नहीं हैं कि इन सब में हस्तक्षेप करने जाएँ और लोगों की शादियाँ करवा दें। इस भैंस के पेट में बैठकर बछड़े को गढ़ें, भगवान कोई ऐसे पागल नहीं हैं। और इस जगत् को क्रियेट करनेवाला यदि कोई होता न, तो इन लोगों ने उसे कब का ही पकड़कर मार डाला होता। कहीं से भी उसे पकड़ लाते। क्योंकि इस जगत् को बनानेवाला ऐसा कैसा कि उसकी दुनिया में सभी दुःखी, कोई सुखी नहीं! इसलिए 'पकड़ो उसे,'
SR No.030014
Book TitleAptavani Shreni 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2014
Total Pages455
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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