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________________ आप्तवाणी-२ निकलता! सरकार भी एक्सेप्ट करती है । ऐसी बात जो करे न, जो बात नॉनसेन्स लगती हो, ऐसों को तो पकड़ लेना चाहिए और जेल में डाल देना चाहिए। क्यों ऐसी बात करता है ? इससे तो पब्लिक खराब हो जाएगी। २४४ हिन्दुस्तान का कुछ बिगड़नेवाला नहीं है और जिस देश में संतपुरुष हैं, सत्पुरुष हैं और प्रकट 'ज्ञानीपुरुष' हैं, वहाँ पर क्या बिगड़नेवाला है? इन तीनों की हयाती हो वहाँ कुछ भी नहीं बिगड़ सकता है, बल्कि बिगड़ा हुआ सुधरने लगा है। भयंकर रूप से बिगड़ चुका था, हिन्दुस्तान की तरह इस दुनिया का कोई भी देश इतनी अधोगति में नहीं गया था । भयंकर बिगड़ गया था। अनाचार को ही सदाचार माना था और सदाचार को तो देशनिकाला ही दे दिया था, एक्सपोर्ट ! तो अब एक्सपोर्ट हो चुका माल इम्पोर्ट हो रहा है। इसलिए तो ये बाल बढ़ा रहे हैं न। ये जो बाल बढ़ा रहे हैं न, वे इम्पोर्ट कर रहे हैं! बाल कटवाकर एक्सपोर्ट कर दिया था । पूरा वर्ल्ड मेन्टल हॉस्पिटल बन गया है, ये बच्चे आजकल मेन्टल ही कहलाएँ न? तब क्या होगा ? पूरा हॉस्पिटल ही मेन्टल, वहाँ पर 'ज्ञानीपुरुष' भी 'बाहर' से तो मेन्टल ही कहलाएँगे न? पूरा हॉस्पिटल ही मेन्टल, तब जाकर ‘ज्ञानीपुरुष' अंदर आ सकेंगे न? क्योंकि ‘ज्ञानीपुरुष' का देह भी मेन्टल के जमाने में जन्मा, इसलिए मेन्टल तो है ही न? सब मेन्टल कहलाता है । मेन्टल हॉस्पिटल ही है यह। तो अब यह परिवर्तन आ रहा है I हिन्दुस्तान २००५ में पूरे वर्ल्ड का केन्द्र बन चुका होगा ! अब ३१ साल बाकी बचे हैं। तब ये बच्चे ५६-६० साल के हो जाएँगे, तब उनमें मेन्टलपन रहेगा नहीं। उनके लंबे बाल थे न उससे एक दिन मेन्टलपन निकल जाएगा, तब एक दिन कटवा देंगे। एक लंबे बालवाला लड़का मोटर में मेरे आगे बैठा था। तो मैंने उसे कहा कि, 'भाई, तूने इतने बाल क्यों बढ़ाए हैं कि जिससे ये उड़कर पीछेवाले को परेशान करें?' जबकि उसके बाल मुझे कुछ परेशान नहीं कर रहे थे, फिर भी मैंने यों ही कहा । तो उस लड़के ने तुरंत बाल कटवा दिए और मुझे नमस्कार करके गया। और फिर उसने दृढ़ निश्चय किया कि फिर से नहीं बढ़ाऊँगा !
SR No.030014
Book TitleAptavani Shreni 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2014
Total Pages455
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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