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________________ ( 113) का उपासरा है, जिसके ऊपर के होल में धातुमय पंचतीथियाँ स्थापित हैं। यहाँ स्थानकवासियों के भी 100 घर हैं, जो सभी दशा श्रीमाली हैं और उन्हों का स्थानक भी जुदा है। 7 जालिया अमरेली से पश्चिम 12 माइल दूर यह छोटा गाँव है। इस में दशा श्रीमालीजनों के 7 घर हैं, जो स्थानकवासी संप्रदाय के हैं, लेकिन मन्दिरमार्गी साधु साध्वियों की भी भक्ति अच्छी करते हैं। यहाँ उतरने के लिये सरकारी स्कूल के सिवाय दूसरा कोई स्थान नहीं है। 8 बगसरा सातलीनदी के वांये तट पर यह शहर वसा हुआ है, जिस में अंदाजन 9 हजार घरों की आबादी है। यह काठीराजाओं की राज्यगादी का सदर स्थान माना जाता है और जेतपुर तालुका से प्रथम से ही अलग है / इसमें वीसा श्रीमालीजैनों के 25 घर, जो मूर्तिपूजक हैं और दशा श्रीमालीजैनों के 100 घर, जो स्थानकवासी संप्रदाय के हैं। दोनों के धर्मस्थान, उपाश्रय और जैनपाठशालाएँ अलग अलग हैं / तपागच्छ का उपाश्रय दो मंजिला है, उसके ऊपरी होल के एक कमरे में धातुमय श्रीमहावीर
SR No.023536
Book TitleYatindravihar Digdarshan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSaudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1935
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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