SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 72
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 37 तणसा यहाँ श्वेताम्बरजैनों के 40 घर, एक उपासरान्औ र एक घर मन्दिर है / मन्दिर में भगवान् श्रीपार्श्वनाथस्वामी की भव्य मूर्ति विराजमान है। यह भावनगर से तलाजा जाने वाली रेल्वेसड़क के किनारे पर ही बसा हुआ है। यहाँ पोष्ट ऑफिस और थोड़ी दूर रेल्वे स्टेशन भी है। 38 त्रापज___ यह एक छोदा गाँव है जो रेल्वे सड़क के पास ही बसा हुआ है / श्वेताम्बरजैनों के यहाँ 60 घर, एक उपासरा, एक छोटी धर्मशाला और एक शिखरबद्ध जिनमन्दिर है-जिसमें भगवान् श्रीपार्श्वनाथस्वामी की मनोहर मूर्ति विराजमान है। यहाँ के जैन बड़े भावुक और श्रद्धालु हैं। 39 तलाजा भावनगर से 16 कोश के फासले पर तलाजा स्टेशन है। इससे आध मील दूर एक छोटी नदी के किनारे तालध्वजगिरी के नीचे यह गाँव बसा हुआ है। यह स्थान शत्रुजयतीर्थ की पंचतीर्थयों में से एक है जो सिद्धाचलजी के समान ही पवित्र माना जाता है / यहाँ श्वेताम्बरजैनों के 60 घर, दो उपासरा और दो मंजिली-दो बड़ी धर्मशालाएँ हैं जिनमें तीन तीन हजार यात्री आराम से ठहर सकते हैं। तालध्वजगिरि (तलाजापहाड़ी) की ऊंचाई 320 फूट है। इसमें छोटी बड़ी 20 गुफा हैं और हरएक गुफा के पास पानी के टांके हैं, जिन
SR No.023534
Book TitleYatindravihar Digdarshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSaudharm Bruhat Tapagacchiya Shwetambar Jain Sangh
Publication Year1925
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy