________________ गोत्र. (209) पतियों की गणना में थे और उनको राजा के तरफ से खूब सन्मान मिलता था। इन सभी श्रीमन्त श्रीमाजी और प्राग्वाट ब्राह्मणों को प्रतिबोध देकर शंखेश्वरगच्छीय श्रीउदप्रभसूरिजीने जैनी बनाये थे / उनमें श्रीमालब्राह्मणों की गोत्र सहित नामावली इस प्रकार है- नाम. गोत्र. / नाम. 1 विजय . गौतम 17 मना सांख्य 2 शंख हरियाण / 18 मना महालक्ष्मी .3 श्रीमल्ल कात्यायन | 16 वर्द्धमान विजल 4 नोडा भारद्वाज | 20 गोधा दीपायन 5 बदा आग्नेय | 21 भीम . पारध 6 भूना काश्यप 22 सारंग चक्रायुध 7 राजा वारिधि | 23 रायमल जांगल 8 सोमा पारायण | 24 धना वाछिल 9 भूमच वंसियाण | 25 जीवा माढर 10 जोगा खुड्डीयाण | 26 विजय तुंगियान 11 सालिग लोढायण 27 वायड पायन्ना 12 तोला पारस 28 कडुया एलायन 13 नारायण चंडीसर | 29 मांझण चोखायण 14 मम्बा देहिल | 30 प्रोषा अक्षायण 15 समघर पापच / 31 राजपाल प्राचीन 16 शंकर , दाडिम / 32 सहदेव . कामरु