________________ (146 ) 123 गुडा-बालोतरा सुखड़ी नदी के दहिने किनारे पर वसा हुआ यह छोटा, पर अच्छा कसबा है और इसका असली नाम -- गुडाबालोटान ' है। यह आहोर ठाकुर की जागीर का गाँव है, जो एरनपुरा-रोड से 30 मील पश्चिम है / यहाँ जैनों में त्रिस्तुतिक-प्राचीनसंप्रदाय के 100, और चतुर्थस्तुतिक-नवीन संप्रदाय के 225 घर हैं, जिनमें प्रोसवालों के चार घर सिवाय, शेष सभी बीसा पोरवाड हैं और इनमें प्रायः त्रिस्तुतिकसंप्रदाय के जैन श्रीमन्त और धार्मिक कार्यों में अच्छा भाग लेनेवाले हैं। गाँव में दो उपासरे, छोटी-बडी चार धर्मशाला और तीन जिन-मन्दिर हैं / सब से प्राचीन मन्दिर शिखरबद्ध है, जिसमें मूलनायक श्रीसम्भवनाथस्वामी की एक फुट बडी भव्य-मूर्ति बिराजमान है, जो अठारहवीं सद्दी की प्रतिष्ठित है / दूसरा मन्दिर इसीके पास वामभागमें एक ऊंची खुरसी पर शिखरबद्ध नया बना हुआ है। इसको जैनाचार्य श्रीमद् विजयराजेन्द्रसूरीश्वरजी महाराज के उपदेश से सं० 1658 में वीसा पोरवाड अचला दोला नरसिंगजीने बनवाया है / इसमें संवत् 1956 माहसुदि 5 के दिन प्रतिष्ठा कराके मूलनायक श्रीधर्मनाथस्वामी की सफेदवर्ण की 3 हाथ बड़ी सुन्दर प्रतिमा बिराजमान की गई है / इस मन्दिर के पिछले भाग में भारसोपल की दो छत्रियाँ हैं, जिनमें श्रीमुनिसुव्रतस्वामी आदि की 9 नौ मूर्तियाँ बिराजमान हैं। तीसरा गृह-मन्दिर है, जिसमें श्रीऋषभदेव प्रादि की 9 प्रतिमाएँ हैं।