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________________ (522) क्या बात रह गई ! " उसने उत्तर दियाः-" आपने प्रथम कहा था कि, सीता जी हरण हो गई सो भब वे वापिस हरण की मनुष्य बनी या नहीं ?" ___ महाराज उसकी बात सुन कर हँस पड़े। फिर बोले:" भाई ! सीताजी का हरण हुआ इसका अर्थ यह है, कि रावण उनको ले गया। इसका अर्थ यह नहीं है कि वे हिरणनामा पशु हो गई।" महाराज की बात सुनी तब वह वास्तविक बात समझा / यदि वह महाराज से नहीं पूछ कर, चला जाता तो दूसरे लोगों के साथ व्यर्थ ही झगड़ता। इसलिए धर्मश्रवणमें बुद्धि के गुणों की खास जरूरत है / बुद्धि के आठ गुण इस तरह है: शुश्रुषा श्रवणं चव ग्रहणं धारणं तथा / उहापोहोऽर्थविज्ञानं तत्त्वज्ञानं च धीगुणाः // 1 // भावार्थ-१-शुश्रषा-सुनने की इच्छा; २-श्रवण-सुनना; ३-ग्रहण-सुने हुए शास्त्रोपदेश को ग्रहण करना; ४-धारणासुने हुए को न भूलना / ५-उहा-ज्ञातअर्थ का अवलंब करके, उसीके समान अन्य विषय में व्याप्ति द्वारा तर्क करना; ६अपोह-अनुभव और युक्ति विरुद्ध हिंसादि अनर्थननक कार्यों से निवृत्त होना / अथवा उह-सामान्यज्ञान और अपोह-विशेषज्ञान / ७-अर्थज्ञान-तक वितर्क के योगसे, मोह, संदेह और
SR No.023533
Book TitleDharm Deshna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaydharmsuri
PublisherYashovijay Jain Granthmala
Publication Year1932
Total Pages578
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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