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________________ जीवन की खास खास विशेषताएं जगत् के सामने विद्यमान है। उनका जीवन, न केवल किसी एक अवस्या के मनुष्यों के लिये परन्तु स्थितिचुस्त किंवा सुधारक, व्यवहारिक किंवा धार्मिकसभी प्रकार के मनुष्यों के लिये उपयोगी है, इसलिये मैं यहाँ उनके जीवन का संक्षिप्त परिचय ' कराता हुँ / सेठ गोडीदासनी का जन्म भोपाल में सं. 1916 मार्ग शीर्ष कृष्णा 2 को हुआ था। आपके जन्म परिचय / पिताका नाम सेठ ऋषभदासजी था। सेठ . ऋषभदासजी असल मेडता ( मारवाड) के रहनेवाले थे / मेडता में आज भी इनका विशाल भवन विद्यमान है / आप ओसवाल ज्ञातीय कांसटिया गोत्रके थे। सेठ गोड़ीदासनी आजीवन पर्यन्त नीति और धर्म में बराबर दृढ रहे, और जैसा कि पूर्व परिमाता-पिता के चय में कहा गया है, आप धर्ममूर्ति रहे, संस्कार और शिक्षा। इसका सर्वाधिक श्रेय यदि किसीको है, तो उनकी माताको है। इनकी बाल्यावस्था में ही पिताजी का तो स्वर्गवास हो गया था। परन्तु, चूंकि माता धर्ममूर्ति थी, देवी थी, इसलिये उसने अपने प्यारे बच्चे को देव, सद्गुणी, सुसंस्कारी बनाने में कोई उठा नहीं रक्खी। देव-गुरु-धर्म परकी पूर्ण श्रद्धा, धार्मिक क्रियाओं की तरफ अमि
SR No.023533
Book TitleDharm Deshna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaydharmsuri
PublisherYashovijay Jain Granthmala
Publication Year1932
Total Pages578
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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