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________________ (7) को भी ज्ञान, लक्ष्मी और सदाचार वाले देख कर, ऊँचे कुलोद्भवऊँचे कुल में जन्मे हुए मनुष्यों को कुल का मद नहीं करना चाहिए। ____ यदि मनुष्य कुशील-दुराचारी-है तो फिर उस के कुलीन होने से क्या है ? और जो सुशील है, सदाचारी है उस को मी कल का प्रयोजन है ? ऐसे समझ कर बुद्धिमान मनुष्यों को कुल का मद नहीं करना डाहिए। ___ संसार में अकुलीन मनुष्य मी लक्ष्मी आदि पदार्थों से सुशोभित देखे जाते हैं / इस का कारण यह है कि, उन्हों ने पूर्वभव में पुण्य का तो संचय किया है। परन्तु साथ ही नीच गोत्र कर्म भी बाँधा है, इस लिए इस भव में वे नीच कुछ में उत्पन्न हुए हैं। कई कुलीन ज्ञान, धन धान्यादि समृद्धि से रहित होते हैं, इस का कारण यह है कि, उन्हों ने उच्च गोत्र का कर्म तो बाँधा है; परन्तु पुण्य उपार्जन नहीं किया है। इस लिए सब को शुभाशुम कर्म की रचना समझ कर, कुल मद नहीं करना चाहिए। ____ अहो ! जो मनुष्य बुरी आदतों का दास बन रहा है उस को कुल मद करने से क्या लाभ है ? और जिस को सदाचार से स्वाभाविक प्रेम है, उस को भी कुल से क्या लाभ होनेवाला है ? उच्च कुल से लोगों में ख्याति मले मिल जाय;
SR No.023533
Book TitleDharm Deshna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaydharmsuri
PublisherYashovijay Jain Granthmala
Publication Year1932
Total Pages578
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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