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________________ नीति-शिक्षा-संग्रह (9) 17 कभी 2 लोग छोटी 2 बातों का खयाल नहीं करते जिससे बड़े 2 परिणाम निकलते हैं। कई लोगों को नाक का कफ़ ऊपर खींचकर भीतर ले जाने की बुरी आदत होती है / यह कैसी बुरी और गंदी भादत है / दूषित मादे को मामाशय के भीतर ले जाने से अनेक खराबिया पैदा होती हैं। 18 कई लोग अपने रूमाल को बहुत गंदा रखते हैं, और फिर तुर्रा यह कि खाने की चीज़ भी उसी में रख लेते और नाक भी उसी से साफ कर लेते हैं तथा हाथ मुँह भी उसी से पोंछ लेते हैं / इस से अनेक रोगों के फैलने का भय रहता है / इसे हर एक मनुष्य भली भांति समझ सकता है। 16 कितने ही लोगों को जहां तहां थूकने की आदत होती है। इस से बहुत सी बीमारियां फैलती हैं। जब यह कफ सूखकर गर्द के साथ मिलकर हवा में उड़ता हुआ लोगों की सांस में चला जाता है। इससे छाती की बीमारियां उन को भी लग जाती हैं। __ 20 गर्म के बाद. सर्द या सर्द के बाद गर्म चीज़ खाकर कई लोग अपने दांत खराब करते रहते हैं / मल मूत्र को रोक रखने की बुरी आदत से कई लोग बहुत से आमाशय व मूत्राशय के रोग सदैव के लिए लगा लेते हैं / 21 कई लोग चांद की रोशनी में पुस्तके पढ़कर या सूर्य की ओर देखकर या खराब रोशनी में पढ़कर अपनी आखों को
SR No.023531
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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