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________________ नौति-शिक्षा-संग्रह 66 यदि कोई व्याख्यान दे रहा हो और आपको उस के वक्तव्य के सम्बन्ध में कुछ पूछना हो तो उसी समय बीच में न बोल उठो / बल्कि उस के चुप हो जाने पर नम्रता पूर्वक उसमे आना लेकर अवसर के अनुसार बातचीत करो / - 67 यदि सभा का सभापति चुना गया है तो जब कभी मापको बोलना पड़े, सभापति को सम्बोधन किये विना कुछ भी न बोले, क्योंकि सभापति उस समय की बातों का उत्तरदाता है। 68 विना किसी जरूरी कारण के किसी सभा या समाज में से उठकर मत चल दो, क्योंकि ऐसा करने से सभा में विघ्न होता है, वक्ता और श्रोताओं का ध्यान बट जाता है। 66 किसी के मकान में घुसने के पहले अन्दर जाने की इजाजत मांग लो। बाद में भीतर प्रवेश करो। अंधाधुंध घुसते चले जाना ठीक नहीं। ___70 व्यभिचारियों से---- (वह पुरुष हो या स्त्री) आवश्यकता मा पड़ने पर भी बातचीत करना टाल दो। यदि अत्यन्त ही आवश्यकता आ पड़े तो जरूरी बात करके अलग हट जाओ। ___71 असभ्यों की संगति में नहीं रहना चाहिये, क्योंकि संसार परीक्षा की कसौटी है। वह संगति के कारण आप को भी खोटा कहेगा। . 72 अन्धे, लंगड़े, लूले, काने और इसी तरह के अंगहीन दीन मनुष्यों की नकल मत करो- उन्हें न चिड़ामो ! बल्कि उन
SR No.023531
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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