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________________ (6) सेठियाजैनग्रन्थमाला तथा उनमें कभी खटसल न होवेंगे / __ रनमक को कभी उघाड़ान रखना चाहिए-नमक को हमेशा ढककर रखना चाहिए, क्योंकि नमक पर छिपकली के बैठ जाने पर उस नमक के खाने वाले को कोढ़ हो जाता है। 3 धातु के बर्तनकी सफाई-चतुर मनुष्य निचोड़े हुए नींबू के छिलके फेंक नहीं देते, किन्तु उन छिलकों को नमक के साथ पीसकर, उन से तांबे पीतल के बर्तन साफ़ करते हैं। 4 मधु की परीक्षा-मधु की बूंद पानी में डालने पर यदि वह न फैले-वैसी की वैसी ही बनी रहे-तो उसे ठीक समझना चाहिए / अन्यथा बनावटी समझना चाहिए / अथवा जिस मधु को कुत्ता न खावे उसे असली मधु जानना चाहिए / ५अतर की परीक्षा---अतर की दो बूंद कागज पर डालकर उस कागज को अग्नि पर तपाओ, यदि कागज पर के दाग उड़ जायँ तो अतर को असली समझना चाहिए, यदि दाग न उड़े तो नकली समझना चाहिए / सोने की परीक्षा-सोने के गहने पर नाइट्रीक*एसीड की एक बूंद डालते ही यदि सफेद दाग़ हो जावे तो सोने में मिलावट समझना चाहिए, और जैसा का तैसा रहे तो असली समझना चाहिए। * ऐसीड नाम तेजाब का है, यह जिस जगह लगता है उसे जला दता है। इसलिए इस को सावधानी से काम में लाना चाहिए।
SR No.023531
Book TitleNiti Shiksha Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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