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________________ सिद्धांत रहस्य सिद्धांत मानविचार | ॥१७२॥ ॥१७२।। गाथा ४३, २ सिद्धिप्राभृत, श्लोक १५०, टीकाना ७५० श्लोक छे, ३ द्वीप सागरपन्नती, श्लो० २५०, टीका२५००, श्लोक छे, ४ ज्योतिष्करंडक, मू०५०० टीका मलयगिरिकृत-२००० श्लोक छे, ५ अंगविद्यापइन्नो, श्लोक ८८००, ६ अजीवकल्प, मू०४५, ७ आराधना पताकामूल-९९३, ८ ऋषिभाषितना ७५० श्लोक छे ९ * गच्छाचार पइन्नो, मू० १३८ श्लोक छे. इत्यादि अनेक छे आवधां अंग सूत्रोमांथी पूर्वाचार्योए उध्धृत करेल छ एटले अंगमां अंतर्गत छे. | हवे नंदीसूत्रमा ७३ सूत्रना नाम कहेल छे ते सूत्रो त्रण प्रकारना छे::-१ कालिक सूत्र, २ उत्कालिक सूत्र अने ३ तव्यतिरिक्त. कालिकसूत्र, पहेले अने छल्ले पहोरे (दिवस के रात्रिए) भणाय के वंचाय, शेष ४ पहो. परमां कालिकसूत्रनी सझाय न थाय. ते कालिकसूचना नाम कहे छे:-१ आचारंगादि ११ अंग, १२ उत्तराध्य यन, १३ दशाश्रुतस्कंध, १४ बृहत्कल्प, १५ व्यवहार, १६ निशीथ, १७ महानिशीथ, १८ ऋषिभाषित, १९ जंबुद्वीप प्रज्ञप्ति, २० द्वीपसागर प्रज्ञप्ति, २१ चंद्रप्रज्ञप्ति २२ खुडिया विमाण पविभत्ति (विमानोनुवर्णन करनार लघुशास्त्र), २३ महलियाविमाण पविभत्ति (विमानोनुं वर्णनकर० महोटुं शास्त्र) २४ अंग चूलिया ( अंगसू त्रोनी चूलिका), २५ वग्गचूलिया (अध्ययननो जे समुह ते वर्ग तेनी चूलिका) २६ विवाहचुलिया, २७ अरुणोपपात. (ते अध्ययन भणवाथी अरुणदेवर्नु आवQ थाय ), २८ वरुणोपपात, २९ गरुडोपपात, ३० धरणोपपात. २ एपाचो, प्रभ ग्याकरण सूत्रमाथी उचत धयानु कहेवाब के. जेसलमेरना भकारमा के.
SR No.023509
Book TitleSiddhant Rahasya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevchandra Upadhyay
PublisherGangji Virji Shah
Publication Year1937
Total Pages248
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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