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________________ तिङन्तार्णवतरणिः-णकारादिपरस्मैपदानि । ३८१ पिच-चुंबने- लद हेतुर्मागणच् सन् लद प्र. ए• निति निक्षयति-नितयते नितिपति नेनित्यते यह लुक्-लट् नितीति-नेनेष्टि-... पक्ष-गती- लट् हेतुगिणच सन प्र. ए. नक्षति नतति-नक्षयते नि क्षति नानध्यते यह लुक्-लद् नानतीति-नाष्ट्रिपिश-समाधा- लद हेतुर्मागणच् । सन लद प्र. ए. नेति- नेशति-नेशयते निशिति-निनिशिर्षात यह यड, लुक प्र. ए. नेनिश्यते- निशीति-नेष्टिबाल-गंधे- लट् हेतुर्माण सन म. ए. नलति नलयति-नालयते निलिषति- मानल्यते यह लुक्-लट् नानलीति-नाल्तिणि--कुत्सासनिकर्षयोः-लट् हेतुमगिणच् प्रः ए. नेदपि नेदयति-नेदयते नेददति-नेददयते यह सन म. ए. निनिदिषति- ननिदाते- निदीति-नेनेत्ति निनेदिति- नेनेदाते- नेनेदीति-नेनेत्तिणिज-पापणे-उभयपदी-लट् हेतुर्मागणच् म. . नर्यात-मयते- नायति-नाययते निनीति या यङ, लुक प्र. ए. नेनीयते- नेनयोति-नेनेतिबम-प्रव्हते शब्दे- लद हेतुर्मागणच् सन् प्र. ए. नमति नमर्यात-नमयते निनंपति ननम्यते यड, मुक्- नंनमीति-नम्ति बु-स्तुती-लुक्-लद- नौतु-शेषंचधातुवत शश-प्रदर्शने- लद लिद लुड प्र. ए. नयति ननाश अनाशीत पभ-हिंसायां- लट् लिट् लुद लुन खा म. ए. नभ्यति ननाभ नभिता अनभत अनभिष्यत
SR No.023457
Book TitleTidantarnavatarani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanvada Gopalkrishnacharya Somayaji
PublisherE J Lazarus and Co
Publication Year1897
Total Pages620
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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