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________________ प्रकाशकीय आ कारकमाला ” नु प्रकाशन घणीज रीते अनोखु छे । जेनुं ग्रन्थनी प्रस्तावनामां विद्वान् लेखके विस्तृत दिग्दर्शन करात्र्युं छे । ते वाचवानी भलामण छे । जेथी ग्रन्थनी उपादेयता ने प्रकाशननो हेतु समजा । (( आवा उत्तम ग्रन्थना प्रकाशन करवानी तक आपी प्रस्तुतग्रन्थना टीकाकार प. पू. समर्थ व्याख्यानकार कविरत्न पन्यासप्रवर श्रीयशोभद्रविजयजी गणिवरश्रीना पट्टधर शिष्यरत्न पन्यासप्रवर श्री शुभङ्करविजयजी गणिवरश्रीए अमोने घणाज उपकृत की छे । तथा ग्रन्थनुं योग्यसंपादन करी आपवा बदल प. पू. मुनिश्री सूर्योदय विजयजी महाराज साहेबनो पण अमो घणोज आभार मानीए छीए । आ प्रकाशनमां एक महानुभाव तरफथी रू. ५०१, मदद मलेल छे । ते बदल तेमने कृतज्ञता पूर्वक धन्यवाद | व्याकरणना अभ्यासीओने तथा अभ्यास करवा इच्छतां लोकोने आ प्रकाशन अत्यन्त उपयोगी नीवडशे एवो अमारो विश्वास छे । एटले आ 6 कारकमाला ' द्वारा कारक विषयक अभ्यासी जिज्ञासुओनी जिज्ञासा पूर्ण थाव एवी शुभाभिलाषा पूर्वक । प्रकाशक : शाह लक्ष्मीचन्द कुंवरजी नागडा ठे :- नागडा मेन्शन, प्लोट नं. ३१९, तैलंग क्रोस रोड, :: मुंबई - १९ माटुंगा
SR No.023434
Book TitleKarakmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShubhankarvijay, Suryodayvijay
PublisherLakshmichand Kunvarji Nagda
Publication Year1961
Total Pages246
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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