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________________ तस्मबिन्दुःः १८६ चार समयनी विग्रह गतिमां बीजो अने त्रीजो समय अणा-: . हारी होयछे, ओजाहार, लोमाहार अने कवलाहार,पूर्वोक्त बे समयमां नथी कार्मण वर्गणाना आहार तो एबे समयमां पण होय छे. १८७ रुजुगति एक समयनी होय छे अने तेमा आहार छे, १८८ केवली समुद्घातमां वीजा, चौथा अने पांचमा समयमा जीव अणाहारी छे, पहेला समयमां केवली समुद्घातकाले औदारिक, बीजामां औदारिक मिश्र, त्रीजामां कार्मण, चोथामां कार्मण योय, पांचमामां कार्मण योग, छठामांतथा सातमामां मिश्र, अने' आठमामां औदारियोग. १८९ तेरमा गुणगणे सत्य भाषायोग, तथा असत्याअमृषाभाषा योग, अने सत्यमनोयोग तथा असत्यामुषामनायोगे होय. तथा औदारिक, औदारिक मिश्र अने कार्मण सर्व मळी सात योग होय. . १९० कोइक आचार्य शरीर कांतिने तैजसनु कार्य गणे छे.
SR No.023422
Book TitleTattvabindu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAdhyatma Gyan Prasarak Mandal
PublisherAdhyatma Gyan Prasarak Mandal
Publication Year1910
Total Pages202
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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