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________________ भारतीय संवतों का इतिहास ने इन विचारों का खण्डन करते हुए एक ही परीक्षित के अस्तित्व पर बल दिया है । "प्रथम तो परीक्षित के सम्बन्ध में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता। दूसरे दोनों में अधिकांश तथ्यों की समानता मिलती है। जैसे कुरुराज्य की समृद्धि का वर्णन, दो अश्वमेघ यज्ञों का होना तथा कश्यपों से युद्ध आदि ।" महाभारत युद्ध के सम्बन्ध में प्रचलित विभिन्न परम्पराओं से युद्ध के लिए ३१३७ ई० पूर्व की तिथि की पुष्टि होती है । युद्ध समाप्ति के पश्चात् कलियुग का आरम्भ हुआ तथा इसी समय से कलि सम्वत् की गणना की जाती है । यद्यपि कुछ विद्वान् ऐसा मानते हैं कि कलि के आरम्भ से कई शताब्दी पश्चात् कलि सम्बत् की गणना आरम्भ हुई, परन्तु गणना का आधार वही समय व वर्ष माना जाता है जिससे कलियुग का आरम्भ हुआ। अधिकांश सम्वतों के सम्बन्ध में यही बात रही है कि जिस घटना से उनकी गणना की जाती है उससे काफी समय पश्चात् सम्वत् की स्थापना की गयी। यह प्रवृत्ति न केवल भारतीय सम्वतों में सामान्य रूप से पायी जाती है वरन् विश्व के अनेक प्रमुख सम्बतों के सम्बन्ध में इस प्रकार की धारणायें प्रचलित हैं। उदाहणार्थ, अनेक विद्वान इसाई सम्वत् का आरम्भ इस सम्वत् की १०वीं शताब्दी में प्रचलित किया मानते हैं। महाभारत की घटना ने न केवल भारतीय इतिहास को वरन् विश्व इतिहास को प्रभावित किया। अनेक राष्ट्रों के साहित्य से इस घटना के सम्बन्ध में वर्णन मिलता है तथा वहां यह समय गणना का आधार रही है। डा० त्रिवेद के अनुसार कलि के आरम्भ से ३६ वर्ष पूर्व महाभारत का युद्ध लड़ा गया । प्राचीन ग्रीस, चीन, मिश्र, अरेबिया तथा मैक्सिको आदि में यह तिथि इतिहास की आधारशिला है तथा वहां के साक्ष्यों से भी इस तिथि की पुष्टि होती है। __ कलि सम्बत् के आरम्भ के लिए ३२०१-२ ई० पूर्व की तिथि की पुष्टि अनेक विद्वानों ने की है। इनमें डा० डी० एस० त्रिवेद, एलेग्जेण्डर कनिंघम', सी० मोबल डफ (शुक्रवार १८ फरवरी, ३१०२ ई० पूर्व कलियुग का आरम्भ १. हेमचन्द्र राय चौधरी, "प्राचीन भारत का राजनैतिक इतिहास" इलाहाबाद, १९८०, पृ० १८ । २. डी० एस० त्रिवेद, "भारत का नया इतिहास", वाराणसी, पृ० ६ । ३. डी० एस० त्रिवेद, "इण्डियन क्रोनोलॉजी", बम्बई, १९६३, पृ० १३ । ४. एलेग्जेण्डर कनिंघम, "ए बुक ऑफ इण्डियन एराज", वाराणसी, १९७६, पृ० १६ । ५. सी० मोबल डफ, 'द क्रोनोलॉजी ऑफ इण्डिया", वोल्यूम-प्रथम, वाराणसी, १९७५, पृ० ४।
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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