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________________ भारतीय संवतों का इतिहास बी० एच० बोन ने अपने सभापतित्व भाषण में कहा था – “३१३६ ई० पूर्व अमावस्या की तिथि भारत युद्ध की तिथि है । इसके अनुसार ( मूलपर्व के अनुसार) यह लड़ाई कलि से ३६ वर्ष पूर्व लड़ी गयी तथा कृष्ण की मृत्यु के साथ ही कलियुग का आरम्भ हुआ । इस प्रकार फरवरी माह की अमावस्या ३१३६ ई० पूर्व की तिथि भारत युद्ध की तिथि है ।"" ए० एन० चन्द्रा ने विभिन्न खगोलशास्त्रीय आधारों पर महाभारत युद्ध के लिए ३१३७ ई० पूर्व की तिथि का समर्थन किया तथा यह मत प्रतिपादित किया कि महाभारत युद्ध कोई " मिथक" नहीं वरन् एक ऐतिहासिक घटना है । ४८ महाभारत युद्ध को द्वापर व कलियुग के सन्धिकाल में होना माना जाता है । युद्ध के बाद ही कलियुग का आरम्भ हुआ । लेकिन कलियुग आरम्भ की निश्चित तिथि तथा घटना के सम्बन्ध में विद्वानों में मतभेद है । कुछ विचारक परीक्षित के राज्यारोहण (डा० डी०एस० त्रिवेद), कुछ कृष्ण की मृत्यु ( वृद्ध गर्ग परम्परा) कुछ युधिष्ठिर के गृह त्याग की घटना (वृद्ध गर्ग परम्परा) से कलियुग का आरम्भ मानते हैं तथा इसी के साथ उनके अनुसार कलि सम्वत् का आरम्भ होता है । "परीक्षित का राज्य सरस्वती तथा गंगा नदी के प्रदेश में स्थित था । आधुनिक थानेश्वर, देहली एवं गंगा नदी के दोआब का उपरिला प्रदेश उसमें समाविष्ठ था । कलियुग का आरम्भ एवं नागराज तक्षक के हाथों इसकी मृत्यु हुयी थी । ये परीक्षित के राज्य काल की दो प्रमुख घटनायें थीं । भारतवर्ष के प्रायः सभी राजाओं ने महाभारत युद्ध में कौरव पाण्डवों की ओर से भाग लिया । भारत युद्ध काल ही पौराणिक वंश गणना है तथा आगे पीछे गणना का आधार है । भारतीय परम्परा के अनुसार यह युद्ध कलि सम्बत् के आरम्भ होने से ३६ वर्ष पूर्व या पृष्ठ पूर्व ३१३७ में हुआ । डा० त्रिवेद के अनुसार पाण्डवों द्वारा परीक्षित को राज्य दिया जाने की घटना से कलियुग का आरम्भ हुआ तथा इसके ३६ वर्ष पूर्व महाभारत हुप्रा । महाभारत के युद्ध के बाद अधिकांश विद्वानों के कलियुग का आरम्भ माना है । जिस दिन श्री कृष्ण ने इस पृथ्वी को त्यागा उसी दिन अविवेकियों को मोहित करने वाले कलियुग का अधिकार १. "द स्टेट्समैन", नई दिल्ली, २८ अक्टूबर, १९७५ । २. सिद्धेश्वरी शास्त्री, 'भारतवर्षीय प्राचीन चरित्रकोष' पूना, १९६४, पृ० ३६६ । ३. डा० त्रिवेद ने ई० पूर्व के लिए पृष्ठ पूर्व का प्रयोग किया है । ४. डा० देव सहाय त्रिवेद, 'प्राड० मौयं बिहार, पटना, १९५४, पृ० १७१ । ५. डा० देव सहाय त्रिवेद, 'इण्डियन क्रोनोलॉजी', बम्बई, १६६३, पृ० १३ ।
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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