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________________ भारतीय संवतों का इतिहास भारत में हिन्दू वर्ष का आरम्भ चैत्र से होता है। "परन्तु समस्त भारत में चंत्र से ही वर्ष आरम्भ नहीं होता। दक्षिण भारत व विशेष रूप से गुजरात में विक्रम संवत् के वर्ष आजकल कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से आरम्भ होते हैं। काठियावाड़ व गुजरात के कुछ भागों में विक्रम वर्ष आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से आरम्भ होता है । गंजम व उड़ीसा के क्षेत्रों में भाद्रपद शुक्ल द्वादशी (२२ वीं तिथि) से आरम्भ होता है। उड़ीसा में अमली वर्ष भाद्रपद शुक्ल द्वादशी से आरम्भ होता है । विलायती वर्ष जो कि मुख्य रूप से उड़ीसा में प्रचलित है कन्या संक्रान्ति से आरम्भ होता है । फसली वर्ष जो बंगाल में चन्द्र सौर्य है वह पूर्णिमान्त आश्विन प्रथम को आरम्भ होता है (अर्थात् विलायती के चार दिन बाद) ।" काल गणना के विभिन्न चक्र सम्पूर्ण विश्व में लगभग ६० प्रकार के पंचाग प्रचलित है जिनमें से ३० के लगभग अकेले भारत में ही पाये जाते हैं । अतः उन सभी की गणना पद्धति, समय विभाजन की इकाइयों, पंचांग निर्माण के नियमों, लौंद के वर्ष की व्यवस्था आदि का उल्लेख कर पाना यहां असम्भव है । साथ ही, इतना विस्तत वर्णन विशेष उपयोगी भी नहीं होगा। इस अध्याय में पुस्तक को समझने के उद्देश्य से संक्षेप में ही विश्व के विभिन्न पंचांगों में प्रचलित पद्धति का परिचय दिया गया है क्योंकि दूसरे व तीसरे अध्याय में वणित विभिन्न सम्वत् इन्ही पद्धतियों पर आधारित है। इससे सम्वतों के स्वरूप को समझने में सहायता मिलेगी। इस विश्व व्यापी पद्धति के अतिरिक्त प्रत्येक राष्ट्र व पंचांग की अपनी पृथक गणना व्यवस्था है जिसके अनेक तत्व एक दूसरे से भिन्न हैं। भारत में भी इस प्रकार की अनेक पद्धतियां हैं जिनमें कुछ का विकास हिन्दू पंचांग की उन्नति व वैज्ञानिकता के लिए किया गया। इन्हें हम काल गणना के विभिन्न चक्र कह सकते हैं । इनमें से अनेक सप्तर्षिकाल, वृहस्पति काल, परशुराम का चक्र, ग्रह परिवति चक्र आदि आज भी भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पंचाग निर्माण के आधार हैं। पंचवर्षीय चक्र हिन्दू पंचांग व्यवस्था के आरम्भिक काल में पंचवर्षीय चक्र का आरम्भ किया गया। इसका उल्लेख वेदांग ज्योतिष से मिलता है : "३६६ दिन, एक वर्ष, ६ ऋतुयें २ आयन, १२ माह सौर्य मानी जानी चाहिये । इन्हें पांच बार १. रोबर्ट सीवैल, 'दि इण्डियन कलैण्डर' लन्दन, १८६६, पृ० ३२
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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