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________________ १४६ भारतीय संवतों का इतिहास भौमाकर सम्वत् इस संवत् का नाम भीमाकर वंश के नाम पर भौमाकर संवत् पड़ा है। यह वंश उड़ीसा में शासन करता था। इस वंश की वंशावलियों के आधार पर यह कहा जाता है कि इस वंश में स्त्री-पुरुष दोनों शासक होते थे। इस वश के करीब १८ राजाओं ने २०० वर्षों तक शासन किया। इन शासकों ने एक संवत् का आरम्भ किया। यही संवत् भौमाकर संवत् के नाम से प्रसिद्ध हुआ । इस संवत के प्रचलन क्षेत्र के सम्बन्ध में डी०सी० सरकार का अनुमान है : "यह संवत् सम्भवतः क्षेत्रीय ही था। शनैः-शनैः वंश की शक्ति बढ़ने पर संवत् भी अधिक क्षेत्र में प्रचलित होता गया।"१ ___ इस सम्वत् से सम्बन्धित अभिलेखों पर मात्र भौमाकर सम्वत् का ही प्रयोग हुआ है । इसके साथ दूसरे किसी सम्वत् की तिथि व वर्ष नहीं दिया गया है जिससे इस सम्वत् का दूसरे सम्वत् के साथ सामंजस्य कर इसके आरम्भ की सही तिथि ज्ञात करने में कठिनाई है। गंग राजाओं के अभिलेखों के आधार पर भण्डारकर व डी०सी० सरकार ने भौमाकर सम्वत् के आरम्भ के संदर्भ में अनुमान किये हैं। गंग राजाओं के इतिहास से यह पता चला कि १०७८ ईस्वी में उन्होंने भीमराजाओं को परास्त किया। इसी आधार पर तथा चीनी व अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर भण्डारकर ने भौमाकर सम्वत् के सम्बन्ध में यह कहा: "भौम राजाओं ने ७५०-६५० या ७७५.६१५ ई० तक शासन किया। वह भौमाकर सम्वत् को हर्ष सम्वत् से पुष्टि करने का सुझाव देते हैं।" परन्तु डी०सी० सरकार इससे सहमत नहीं हैं, उन्होंने विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर इस सम्बन्ध में अपना मत इस प्रकार दिया : "भौमाकर सम्वत् का आरम्भ ८२० ई० की किसी तिथि के पास अथवा हवीं शताब्दी के प्रथम अर्द्ध के मध्य में हुआ होगा।" भौमाकर सम्वत् के संदर्भ में डा० डी०सी० सरकार का मत ही माननीय है तथा इस सम्वत् के आरम्भ की तिथि ८२० ई० उचित है । अन्य दूसरे लेखों १. डी०सी० सरकार, 'द एरा ऑफ द भौमाकरस ऑफ उड़ीसा', "आई०एच० क्यू०", १६५३, पृ० १४३ । २. आर०जी० भण्डारकर, डी०सी० सरकार द्वारा "आई०एच०क्यू" में उद्धृत, १९५३, पृ० १४३ । ३. डी०सी० सरकार, 'द एरा ऑफ द भीमाकरस ऑफ उड़ीसा', "आई०एच० क्यू.", १६५३, पृ० १५५ ।
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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