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________________ भारतीय संवतों का इतिहास निर्मित हुआ जिसको रोमवालों ने जुलियन पंचांग के लिए विकसित किया तत्पश्चात् ग्रगोरियन पंचांग ने और अधिक उन्नति की।" विभिन्न कलेण्डर यूरोप में जूलियन, ग्रगोरियन, फ्रांसीसी क्रान्ति का कलंन्डर, अमेरिका में माया, मैक्सिकन, इन्का व उत्तरी अमेरिका का कलैन्डर, सुदूर पूर्व में प्राचीन काल के हिन्दू कलन्डर, चीनी कलैन्डर, यहूदी कलन्डर, इस्लामिक कलन्डर, मध्य पूर्व का कलैन्डर आदि विभिन्न कलेन्डरों का विकास विश्व के विभिन्न स्थानों पर हुआ। यूरोप में कलैन्डर सुधार का कार्य रोम से आरम्भ हुआ। पूर्व प्रचलित कलन्डर को जूलियस सीजर के समय पुनः स्थिर व शोधित किया गया, जिससे इसका नाम जूलियन कलैन्डर पड़ा। इसके बाद जो अन्तर पड़ा उसको पोप ग्रगोरी १३वें ने ठीक किया । अतः कलैन्डर का नाम ग्रगोरियन कलन्डर पड़ा। वर्तमान समय में ग्रगोरी द्वारा किये गये सुधार पर ही यूरोपियन कलैन्डर आधारित है। वह व्यवस्था १५८२ ई० में की गयी थी, १७८६ में फ्रांसीसी क्रान्ति के समय वास्तील के पतन के बाद फ्रांसीसी कलैन्डर का भी नवीनीकरण किया गया । चार्ल्स गिल्बर्ट रोमे को कलन्डर सुधार समिति का प्रधान बनाया गया । १७९२ से फ्रांस में फ्रेंच रिपब्लिक कलैन्डर कार्य करने लगा। इसमें ३०-३० दिन के १२ माह तथा ५ दिन उत्सवों व छुट्टियों के लिये थे । अतः वर्ष की लम्बाई ३६५ दिन ही रही तथा लौंद का माह भी ग्रिगोरी कलन्डर के समान ही रहा, ७ दिन के सप्ताह के स्थान पर दस-दस दिन के ३ उपभागों में माह को बाँट दिया गया। दिनों के नाम पुनः रखे गये । किन्तु, यह कलैन्डर मात्र फ्रांस में ही चला और वह भी बहुत कम समय तक । १८०६ से नैपोलियन ने पुनः ग्रिगोरियन कलैन्डर को अपना लिया। अमेरिका में माया, मैक्सिकन, इन्का व उत्तरी अमेरिका के कलंन्डरों का विकास हुआ । माया कलैन्डर में भी वर्ष की लम्बाई ३६५ दिन ही है तथा ५२ वर्षीय अर्थात् १८,६८० दिन का चक्र है। मैक्सिको कलैन्डर मैक्सिको की घाटी से निकला है और माया कलैण्डर के ही समान है। चक्र भी धार्मिक माया कलैन्डर के समान ही है परन्तु उसका नाम माया न होकर टोहना पोहली है तथा महीनों के नामों में माया कलन्डर से भिन्नता है। इन्का कलैन्डर के सम्बन्ध में इतिहासकारों का विश्वास है कि पेरू के इन्का लोगों का एक कलैन्डर था १. 'इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनका', वोल्यूम तृतीय, टोक्यो, १९६७, पृ० ५६५
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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