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________________ · वैरागी पदअनन्तनाथ जिनुंस्तवन. धर्मनाथनुंस्तवन. शांतिनाथ जिनस्तवन. कुंथुनाथ जिनस्तवन. अरनाथ जिनुंस्तवन. मल्लीनाथ जिनंस्तवनमुनीसुव्रत जिनुंस्तवन. नमीनाथ जिनस्तवन. नेमनाथजी नुंस्तवन. पार्श्वनाथजी नुंस्तवन. महावीरस्वामी नुंस्तवन. मुंबाला महावीरस्तवन. तोबिना औरनजाचुंजिनंदराय. साचुंबे जिनंदनामावरनेन राचुं. धनयुवती परमनललचाणुं. कलस्वरूपी घटघटव्यापी. दीलधरमनकर जिनवरपूजन करवाजईये आज.. प्रजुतारहवे मारूंाहींसुंथ सेरे. श्री चराचरविश्ववरा. निहारयार सारतुं विचार दारहे. देखा नही कनुसार जगतमे. दरीसन बिना खियातरसरही. जबलग विषय घटान घटी. जयजय नवपदा आपसंपदा प्रजुदी जे दरस बडी बेरजइ. प्रभुमेरो ज्ञानकी ज्योती . .... .... ...e .... .... .... .... १३ 6900 .... .... .... .... .... .... .... .... 200 .... .... .... .... : .... .... .... .... 8.00 9330 .... .... .... ... .... .... .... .... .... .... .... .... .... .... .... .... .... .... .... .... .... ३४३ ३४३ ३४४ ३४५ "" ३४६ ३४६ ३४७ ३४८ 11 25 ३४ ३५० ३५१ "" ३५२ ३५१ "" ३५३ ३५३ ३५४ ३५४ ३५५ ३५५ ३५६ ३५६ ""
SR No.023329
Book TitleJain Dharm Sindhu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMansukhlal Nemichandraji Yati
PublisherMansukhlal Nemichandraji Yati
Publication Year1908
Total Pages858
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size17 MB
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