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________________ (सिरि भूवलय ॥१॥ ॥२॥ ॥३॥ ॥४॥ ||५|| ॥६॥ ऊ अष्टम् अध्याय ऊनविल्लदे सिद्धवाद सिम्हासन । तानदु जिननेरिद गल् ॥ ते* नम वेम्बाग मूरने प्रतिहार्य । दानम्म बळकेयन्कगळम् णववु अष्टम सप्त षष्टम पन्चम । दवनु चतुर्थ त्रये षा*म् ॥ सवण द्वितीयवु एकान्कशून्यद । नवकार सिम्हासनद पदसिद्धियागलु बरुवषटु शन्केगे । ओदगे उत्तर काव्य म्*गळलि ॥ मुदवीव ओम्दने शन्केय पेळुव । पद पूर्वपन सिद्धान्त माटद सिम्हासन शब्द ओम्द्अरोळ् । कूटद सिम्ह आसनम् व* ॥ कूटव बिट्आग ओम्दने सिम्हद । कूट सिद्धान्तद शन्के णरस बेचचव जीव सहितट सिमहवो । गत वरधमान वाहन च*आ ॥ मरद सिमहवो जीव रहितद सिमहवो । अरहनतनेरिद सिमह। मनुजरेरुव सिम्हासनदि बन्दिह सिम्ह। घन जाति सिम्हवो ना* ना।। वनदोळु चलिप सिम्हवो अल्लवो एम्ब। घन सन्केयागे भूवलय मुनिगळ शन्केगुत्तर ॥७॥ तनगे बनद् आरु शन्केगळ ॥८॥ घनवादुत्तर सिद्धविन्तु ॥९॥ तनि शन्केगे जीवरहित ॥१०॥ एनुव शब्ददे काण्ब द्रुष्ट ॥११॥ घन प्रातिहार्य मूरन्क ॥१२॥ घन सिम्हवदु शुद्ध स्फटिक ॥१३॥ मणियिन्द रचितवागिहुदु ॥१४॥ चिनुमयनेरिद सिम्ह ॥१५॥ कोनेगे कर्नाटक सिम्ह ॥१६।। जिन मुनियन्ते सुशान्त ॥१७॥ घन मुनिगळ शूर वृत्ति ॥१८॥ अनुभवदाटद सिम्ह ॥१९॥ कोनेय भवान्तर सिम्ह ॥२०॥ घनद पुराक्त सिम्ह ॥२१॥ जिनवर्धमानरू सिम्ह ॥२२॥ घनद सिम्हासन वलय ॥२३॥ दवनिय निज सिम्ह नाल्मोगवागिह । नव सिम्हमुख उद्दवनु* ॥ अवधरिसलु आदिनाथ जिनेन्द्रर । नव देहदष्टिह अळते न्व पादपद्मद केळगिह सिम्हद । विविधदुत्सेधवदनुम् सा* ॥ अवरवरेने आदिनाथरिगऐनूरु । नवधनुवष्टिह अळते ड्णडणरेन्नुव जयघन्टे नादद । घन शब्ददनुभववस र* || जिननन्ग अजितनाथरिगेनाल्करे नूरु । एनुव धनुविनषटु सिम्ह आद आ मेले शम्भवरिगे नालन्ऊरु । मोदद अभिनन्दनर ॥ आद मा* टदसिम्ह मूरुनूरयवत्तु । नाध सुमतिगे मूरनूरु ऐदने जिनगइन्नूररेयु ॥२८॥ मोद सुपार्श्व इन्नूरु ॥२९॥ मोददेन्टके नूरयवत्अम् ॥३०॥ आद ओम्बत्तके नूरु ॥३१॥ मोद शीतलर्गे तोम्बत्तु ॥३२॥ आद श्रेयाम्स एम्बत्तु ॥३३॥ श्रीद हन्एरडे इप्पत्तु ॥३४॥ मोद विमल अरवत्तु ॥३५॥ आदि अनन्त ऐवत्तु ॥३६॥ आदि धर्मवु नलवत्ऐदु ॥३७॥ श्रीदिव्य शान्ति नल्वत्तु ॥३८॥ आद कुन्थुवु मूवत्ऐदु ॥३९।। ॥२४॥ ।।२५।। ॥२६॥ ॥२७॥ 366
SR No.023254
Book TitleSiri Bhuvalay Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSwarna Jyoti
PublisherPustak Shakti Prakashan
Publication Year2007
Total Pages504
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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