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________________ (सिरि भूवलय ॥५५॥ ॥५५॥ ॥५६॥ ॥५७॥ ॥५८॥ वशवादतनिभान्क ॥४०॥ असदरुश अजित नाथानक ॥४१॥ वशद शम्भवर दिव्यान्क ॥४२।। रस अभिनन्दन सुमति ॥४३॥ वश पद्मप्रभ विमल ॥४४॥ स सुपार्श्व चन्द्रप्रभान्क ॥४५।। वश पुष्पदन्त शीतलर ॥४६॥ सश्रेयाम्स वासुपूज्यानक ॥४७॥ ऋषि विमलानन्त धर्म ॥४८॥ वश शान्ति कुन्थु श्री अरह ॥४९॥ यश मल्लि मुनिसुव्रतान्क ॥५०॥ यश नम नेमि सुपारशव ॥५१॥ रसऋषि वर्धमानानक ॥५२॥ यशविन्तु वर्तमानान्नक ॥५३॥ यशदिप्पत्नाल्कु मत्पुनह ॥४४॥ विशहर काव्यदोळ् बहुदु पद भूतकालद् इप्पत्नाल्वरन्क । पद श्री शान्ति सर्वज्ञ ॥ मुद इप्पत्मूरु अतिक्रान्तश्रीभद्र । विदरन्कवेप्पत् एरडु रिषि इप्पत्ओम्दु श्री शुद्धमतिदेव । रस ज्ञानमति सुज्ञ* देव विश्द इप्पत् अन्कक्ष्ण हत्ओम्बत्म् । यशोधर हदिनेन्टरन्क णवपद्म विमलानक हदिनाळु परमेश । अव हदिनार् एम्ब देवा ॥ नव मत्तु अरन्क जिनह ज्ञानेश्वर । नव ऐदु उत्साहरन्क दनवर वन्दित शिवगण हदिम्ऊरु । घन उसुमान्जलि देवा* ॥ जिनरु हन्एरडन्क सिन्धुवु हन्ओमदु । जिनरु सन्मतियु हत्अन्क जिनरु अन्गीर ओम्बत्तु ॥६०॥ जिनरु उद्धररु एन्ट्न्क ॥६१॥ जिन अमलप्रभरेळु ॥६२॥ घन सुदत् अन्कवु आरु ॥६३॥ जिन श्रीधरान्कवु ऐदु ॥६४॥ जिनरु विमलप्रभ नाल्कु ॥६५॥ जिनदेव साधु मूरन्क ॥६६। घन सागर एरडन्क ॥६७॥ जिनरु निर्वाण ओम्दन्क ॥८॥ अनुगालविनिताद अन्क ॥६९॥ जिन भूत वर्तमानान्क ॥७०॥ एनुवाग बन्द भूवलय तनुवळिदतनुव गेल्दन्कविन्तागे । तनुवळिववरन्कम्स् व नव ॥ एनुविपत्नाल्वरनागत तीर्थक । जिनसिद्ध नाम सवरवप सवण महापद्म मोदलागे सुरदेव । जिन एरडे सुसुपार्श्व ॥ त*नि मूरु स्वयम्प्रभ नाल्कु सर्वात्मभू । तनुजिन ऐदवरन्क लोकयकर् देवपुत्राख्य आरन्कवु । आ कुलपुत्र सेरुवदु* ॥ श्रीकर गळु महोदन्क एन्टागे । श्रीकर नवम प्रोष्ठिलरु यश जयकीर्ति हत्ता मुनिसुव्रत । ऋषिहन्ओ मदु एन्दुक् अ ॥ यश अर द्वादश पुष्पदन्तेशरु । वशवागे हदिमूररन्क रस चतुर्दश निष्कषाय ॥७६॥ यश हदिनयदु श्री विपुल ॥७७॥ वश हदिनारु निर्मलरु ॥७८॥ रिषि चित्रगुप्त सप्तदश ॥७९॥ यशहदिनेन्टु समाधि ||८०॥ वशगुप्तश्रीजिनरन्क। ॥८ ॥ रस्वयम्भू हत्ओम्बत् अन्क ॥८२॥ यशअनिवृत्त इप्पत्तु ।।८३॥ रस विजयरु इप्पत्ओ मदु ||८५॥ यशद विमल इप्पत्एरडु __८५॥ वश इप्पत्मूर् देवपाल ॥८६॥ असमान महानन्तवीर् य ॥८७॥ ॥७१॥ ॥७२॥ ॥७३॥ ॥७४॥ ॥७५॥ 338
SR No.023254
Book TitleSiri Bhuvalay Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSwarna Jyoti
PublisherPustak Shakti Prakashan
Publication Year2007
Total Pages504
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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