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________________ सिरि भूवलय विमर्शित किया गया है। यह विमर्शन स्थूल रूप से परिचयात्मक है, कह सकते हैं । ग्रंथ मूल के अंक लिपि को अक्षर लिपि में परिवर्तित पठ्य ही कवि रचित साहित्य है। यही परिचयलेखन की लेखनी है । इस तरह ऐसे पठ्य के लिए उपलब्ध सभी सीमित और दुर्बल प्रस्तावना के लिए भी अनिवार्य है कहना होगा। वास्तव में विचार विमर्श और भी होना है। ऐसा होने पर चाहे तो आज के प्रयत्न को नांदी पद ( मंगल गीत) माना जा सकता है। पठ्य के अनेक वस्तु विवरण संकेत चिन्ह भाषा शैली मुझे समझ में नहीं आई है उन सभी को विशेषज्ञ, साहित्यकार, और गणितज्ञ विस्तृत रूप से परमर्श करें और वह परामर्श इस ग्रंथ के अगले भागों के प्रकटण के लिए भी पहले भाग के परिष्करण के लिए भी सहायक हो ऐसी मैं प्रार्थना करता हूँ । इस संदर्भ में दो-तीन विद्वानों का स्मरण करना मेरा आवश्यक कर्त्तव्य बनता है। पहले, ग्रंथ संरक्षक और परिशोधक पंडित येलप्पा शास्त्री, दूसरे ग्रंथ संपादक और प्रस्तावना के लेखक कर्ल मंगलम श्री कंठैय्या जी । ग्रंथ परिचयकार और प्रचारक के. अनंत सुब्बाराव जी का योगदान भी महत्त्वपूर्ण है। बंगलोर जिला के नेल्मंगला ताल्लुक में मिला दोड्डबेले ग्राम सिरिभूवलय के कर्त्ता कुमुदेन्दु का स्थान है। यह यलवळ्ळी से लगभग ३२ किलोमीटर दूर स्थित एक छोटा-सा ग्राम है। वहाँ के जैन विद्वान धरणेन्द्र पंडित अपने पास एक अमूल्य ग्रंथभंडार को रखे हुए थे। उनके मरणोपरांत उस भंडार की हस्त प्रतियाँ कुल के हाथ से चली गई उसमें कोरी कागज़ ( हाथ से बना मोटा और खुरदुरा कागज़) में लिखे गए विलक्षण हस्त प्रति सिरि भूवलय नाम के शास्त्र ग्रंथ का भी यही हाल होने वाला था। उसी समय प्राचीन साहित्य में आसक्ति रखने वाले पंडित यल्लप्पा शास्त्री जी विशेष रूप से आसक्ति रख उस ग्रंथ को अपने अधिकार में लिया। उस प्रयत्न को किस प्रकार फल प्राप्त हुआ इस विषय में १९५३ के परिष्करण में उसके संपादक कर्ल मंगलम श्री कंठैय्या जी ने हार्दिक रूप से निरूपित किया है। उसके पश्चात यल्लप्पा शास्त्री जी को कर्ल मंगलम श्री कंठैय्या जी की दोस्ती प्राप्त होकर दोनों ने उस विलक्षण हस्त प्रति अर्थात अंक लिपि में रचित स्वरूप 128
SR No.023254
Book TitleSiri Bhuvalay Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSwarna Jyoti
PublisherPustak Shakti Prakashan
Publication Year2007
Total Pages504
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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