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________________ 5 10 णउमी संधी 9/1 Description of the Universe (Lokākāsa). घत्ता - एत्यंतरे पुच्छिउ गणणा तित्थंकरु | कर-कमल-जोडिवि भवियण- पाव खयंकरु ।। छ । । तिहुअण केण पयारेँ संठिउ हँ अवसर णिग्गय झुणि पासहो वज्रति तिहुअण दुवि भेयहँ वियलिउ लेउ अणंतु अणोवमु तासु मझे तिहुअणु परिणिवसइ ण किउ ण धरिउ ण केणवि रक्खिउ तिसय-तियाला रज्जु पमाणउ घणु तणु उवहि समीरण धरियउ अहउउच्छेदण णणु जाणिज्जइ ट्ठि सत्त रज्जु परिमाणउ आयण पवट्टमि उक्कंठिउ ।। अमिओवम वियडुल्लय पासहो ।। णिम्मल- केवलणाण वि णयणहँ ।। पढमु गयणु गय-रूउ मणोरमु ।। तंपि तिविहु तिहुअणवइ भासइ ।। ण विणासिउ णाणेण णिरक्खिउ ।। णिविडु घणायारेण समाणउ ।। णिरवसेसु छद्दव्वहिँ भरियउ ।। चउदह रज्जु पमाणु गणिज्जइ । पलहत्थिय सराव संठाणउ ।। 9/1 लोकाकाश-वर्णन घत्ता - इसी बीच में (स्वयम्भू ) गणधर ने अपने कर-कमलों को जोड़कर भव्यजनों के पापों के नाशक तीर्थंकर पार्श्व से पूछा। (छ) पार्श्व प्रभु, मैं इस बात को सुनने के लिए उत्कण्ठित हूँ कि ये तीनों लोक किस प्रकार स्थित हैं ? ( इस प्रश्न के पूछे जाने पर) संसार के विकट जाल से मुक्त तीर्थंकर पार्श्व की उसी समय उल्लसित करने वाली अमृतोपम दिव्यध्वनि निर्गत हुई। उन्होंने कहा निर्मल केवलज्ञान रूपी नेत्र वालों ने इस त्रिभुवन को दो भेद वाला कहा है— प्रथम मनोरम लोकाकाश है जो विगलित लेप (निर्लेप) अनन्त अनुपम रूपरहित एवं मनोरम है। उसके मध्य में तीन लोकों का वास है, ऐसा त्रिभुवनपति ने कहा है । वह भी तीन प्रकार का कहा गया है। उन्हें न किसी ने बनाया है और न किसी ने धारण ही किया है। वह निरालम्ब है। यह लोक तीन सौ तैतालिस रज्जु -प्रमाण कहा गया है, जो कि निविड घनाकार के समान है। इसके ऊपर ही ऊपर क्रमशः तनुवातवलय, फिर घनवातवलय और नीचे घनोदधिवातवलय है। वह इन तीनों वातवलयों के वृत्त से घिरा हुआ है । समस्त लोकाकाश छह द्रव्यों से परिपूर्ण है। उसका कोई उच्छेद नहीं कर सकता तथा वह किसी से रक्षित भी नहीं है। उसका प्रमाण 14 रज्जु है। अधोलोक का प्रमाण सात रज्जु है और आकार उलटे किए गये सकोरे के समान है। मध्य भाग एक रज्जु प्रमाण है, जिसका आकार झल्लरि के समान 1 पासणाहचरिउ :: 175
SR No.023248
Book TitlePasnah Chariu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2006
Total Pages406
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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