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________________ शिक्षा, गला एवं ज्ञान-विज्ञान ४५१ करने का उल्लेख पाया है ।' युद्ध प्रयाण २ विवाह,३ राज्याभिषेक आदि महत्त्वपूर्ण राज्योत्सवों में तो ज्योतिष विद्या के अनुसार ही दिन अथवा तिथि का निश्चय करने के बहुधा उल्लेख पाए हैं । पद्मानन्द महाकाव्य में ऋषभदेव के जन्म के समय की स्थिति को ज्योतिषीय आधार पर स्पष्ट करते हुए कहा गया है कि उस समय चन्द्रमा धनु राशि में तथा अन्य सभी ग्रह उच्च राशियों में थे।५ ऋषभदेव . के. जन्म दिन तथा तिथियों का उल्लेख करते हुए यह भी कहा गया है कि वे चैत्रमास की अष्टमी को उत्पन्न हुए थे। ज्योतिष विद्या के ज्ञाता 'दैवज्ञ' भविष्यकाल की घटनाएं भी पहले बता । देने में समर्थ होते थे। वर्धमानचरित में संभिन्न नामक दैवज्ञ' का इसी सन्दर्भ : में उल्लेख पाया है । शान्तिनाथ चरित महाकाव्य में ज्योतिष के (१) शुभ लग्न (२) मित्र दृष्टि (३) ग्रहों का बलाबल (४) ग्रहों का स्वामित्व तथा (५) षड्वर्ग शुद्धि आदि महत्त्वपूर्ण तत्त्वों पर प्रकाश डाला गया है। कीर्तिकौमुदी महाकाव्य में कर ग्रहों के आक्रमक तथा चन्द्रमा नक्षत्र के शुभत्व का उल्लेख पाया है। १° सामान्यतया चन्द्र, गुरु, शुक्र, शुभग्रह तथा शेष अशुभ ग्रह माने जाते हैं इनमें से बुध शुभ ग्रहों के साथ शुभ तथा अशुभ ग्रहों के साथ अशुभ माना गया है । इनके १. अथ प्रशस्ते तिथि-लग्न-योगे मुहूर्त-नक्षत्रगुणोपपत्ती । ___ क्षपाकरे च प्रतिपूर्यमाणे ग्रहेषु सर्वेषु समस्थितेषु ।। -वराङ्ग०, ३१.१ तथा शुभे मुहूर्तेऽथ शुभैनिमित्तमन्त्री स्वनाथानुमतः प्रतस्थे । -कीर्ति०, ६.६ २. शुभ मुहूर्ते जयकुञ्जराधिपं रणे जयं मूर्तमिवाधिरूढवान् । -जयन्त०, १०.६७ ३. विवाहलग्नाह-मुहूर्तमेकं निर्णीय जिष्णुविससर्ज कृष्णम् । -नेमि०, ११.५६; ४. चन्द्र०, ६.१०८; हम्मीर०, ८.५६ ५. पद्मा०, ७.३२५ ६. चैत्रस्य बहुलाष्टम्याम् । -वही, ७.३२४ ७. वर्ष० ५.१०७-११३ ८. लग्ने प्रशस्ते पतिमित्रपूर्णदृष्ट्या प्रष्टे बलशालमाने । षड्वर्ग-शुद्धे च तयोः पुरोधा अमीलयन्मङ क्षुकरं करेण ।। -शान्ति०, ४.१२२ ६. नेमिचन्द्र शास्त्री, संस्कृत काव्य के विकास में०, पृ० ५७० १०. करै हैरिवाऽऽ कम्य मुक्तमन्यैनियोगिभिः ।। प्रीणात्येष पुरं मन्त्री, नक्षत्रमिव चन्द्रमा ॥ -कीर्ति०, ४.१०
SR No.023198
Book TitleJain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohan Chand
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year1989
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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