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________________ ।। श्री सर्वोदय पार्श्वनाथाय नमः ।। आगम के पन्नो में जैन मुनि जीवन दिव्य कृपा : कच्छ हालार देशोद्धारक, अचलगच्छाधिपति दादासाहेब श्री गौतमसागर सूरीश्वरजी म.सा राष्ट्रसंत, भारत दिवाकर अचलगच्छादिपति आ. श्री. गुणसागर सूरिजी म.सा. मेवाड दिवाकर, प्राचीन साहित्य संशोधक प.पू. गुरुदेव श्री सर्वोदयसागरजी म.सा. तपस्वी रत्न, प.पू. मुनिराज श्री चारित्ररत्नसागरजी म.सा. मंगल आशीष : सलंग ५१ वे वर्षीतप के आराधक, तप चक्रवर्ती वर्तमान अचलगच्छाधिपति आ. श्री. गुणोदयसागर सूरिजी म. सा. शुभकामना : प. पू. युवाचार्य श्री. कलाप्रभसागर सूरिजी म. सा. प.पू. आचार्यदेव श्री. कवीन्द्रसागर सूरिजी म.सा. प.पू. आचार्यदेव श्री. वीरभद्रसागर सूरिजी म.सा. प.पू. आचार्यदेव श्री. महोदयसागर सूरिजी म. सा. मंगल प्रेरणा- शुभ आशिष : अध्यात्म योगी प. पू. मुनिराज श्री उदयरत्नसागरजी म. सा. संकलन : अचलगच्छीय ओजस्वी प्रवचनकार - युवा मुनि श्री प. पू. गुणवल्लभ सागरजी म.सा. प्रकाशक : श्री. चारित्ररत्न फा. चेरी. ट्रस्ट * द्रव्य सहायक * मातुश्री मणीबेन हीरजी गांगजी शाह परिवार - गाम: लायजा, हाले - दादर (D. M. PAKITWALA ) तीर्थ कल्पेन मणीलाल नानजी हरीया परिवार - गाम : बाडा, हाले-दादर ।। उद्यो भवतु सर्वेषाम् ।।
SR No.023184
Book TitleAgam Ke Panno Me Jain Muni Jivan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunvallabhsagar
PublisherCharitraratna Foundation Charitable Trust
Publication Year
Total Pages86
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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