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________________ प्रकृतिका दिग्दर्शन होजाता है। इससे हमें पूर्ण आशा है कि इस नवीन ग्रन्थका जैन समाजमें विशेष आदर होगा व शीघ्र ही हमें इसकी दूसरी आवृत्ति प्रकट करनेका मौका प्राप्त होगा। इसके अनुवाद व प्रकाशनमें कोई त्रुटि रह गई हो तो उसकी सूचना कोई भाई हमें करेंगे तो उसपर अवश्य लक्ष दिया जायगा । श्री वीरनिर्वाण सं. २४५३ . फाल्गुन सुदी ११ । ता० १३-३-२७ ) जैनसमाज सेवकमूलचंद किसनदास कापड़िया, प्रकाशक। * विषयसूची । * प्रथम अधिकार । विषय... मंगलाचरण ... ... . ... ... २. जम्बूद्वीप तथा राजगृहनगरका वर्णन ... ३. महाराज श्रेणिक व रानी चेलनीका वर्णन ... ४. भगवान महावीरका विपुलाचलपर आगमन ... ५. महाराज श्रेणिकका वन्दनार्थ गमन च स्तुति... ... ... ६. भगवान महावीरका धर्मोपदेश ... ... ___७. महाराज श्रेणिककी गौतम गणधरके भवान्तर जाननेकी जिज्ञासा २३ द्वितीय अधिकार । ८. अवन्ती देश व राजा महीचन्द्रका वर्णन ... ... २४ । ९. अंगभूषण मुनिका आगमन व राजा महीचंद्रका वन्दनार्थ गमन २७ १०. तीन शूद्र कन्याओंका आगमन व मुनिराजका धर्मोपदेश ... २८
SR No.023183
Book TitleGautam Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchandra Mandalacharya, Lalaram Shastri
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1926
Total Pages214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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