SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 32
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (२३) विषय. मातामह (नाना ) आदिका सूतक सूतक - निषेध श्रोत्रिय आदिके मरने पर स्नानोपदेश सूतकका अभाव धार्मिक - पुरुष के देह संस्कार की विधि उसके शरीरसंस्कारके अर्थ अनि विशिष्ट पुरुष के शवसंस्कार के लिए अि कन्या, विधवा आदि के शवसंस्कारार्थ अग्नि सर्व सामान्यके शवसंस्कारार्थ अभि प्रत्येक अग्नियोंके लक्षण उखामें अग्नि- प्रज्वालन शव - वाहक पुरुषों की संख्या और भूषा आदिमें उन्हीं की नियुक्ति विमानमें सुलाकर ले जाने आदिकी विधि ३८६ ३८६ शवसंस्कार विधि चिता रचने आदिके मंत्र जलाशय गमन दुष्टतिथि आदिमें मरण प्रायश्चित्त अतिदुर्भिक्षादिके कारण मरण प्रायश्चित्त प्रायश्चित्त दाता पृष्ठ. विषय. ३८४ क्षौरविधि ३८४ स्नानविधि ३८४ शिलास्थापन और ग्रामप्रवेश ३८४ ३८५ द्वितीय दिनसे लेकर दशवें दिन तक के कृत्य पिंड - प्रमाण " ३८५ पिंडपाकविधि प्रेतदीक्षा शेषक्रियापर्यंत प्रेतदीक्षा ३८५ ३८५ ३८५ ३८५ कर्ताका निर्णय शेष - क्रिया अस्थि-संचयन ग्यारहवें दिन की क्रिया बारहवें दिन की क्रिया ३८७ मृतबिंबकी स्थापना ३८८ वैधव्यदीक्षा वैधव्य अवस्थाके कृत्य ३८८ ३८८ उपसंहार ३८९ धर्मोपदेश ३८९ प्रशस्ति पृष्ठ. ३९० ३९० ३९० ३९१ ३९१ ३९२ ३९२ ३९२ ३९२ ३९३ ३९३ ३९३ ३९४ ३९४ ३९४ ३९४ ३९५ ३९६ ३९७
SR No.023170
Book TitleTraivarnikachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSomsen Bhattarak, Pannalal Soni
PublisherJain Sahitya Prasarak Karyalay
Publication Year1924
Total Pages440
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy