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________________ ___(७) विषय-सूची । .ocm पहला अध्याय। विषय. विषय. . पृष्ठ. शान्तिकरण आदि मंत्र आप्तमंगल १ मंत्र जपने योग्य स्थान सरस्वतीमंगल २ वशीकरणादि मंत्रोंका फल गुरुमंगल ३ जिनदर्शन और स्तुति ग्रन्थ-नाम ३ सामायिक व जप करनेवाले की प्रशंसा २६ तीनों वर्गों के लक्षणसहित नाम सज्जनदुर्जनवर्णन दूसरा अध्याय । वक्ताका लक्षण ६ शौचाचारक्रिया-कथन-प्रतिज्ञा; ग्रन्थका लक्षण ६ शौचाचारमें हेतु तथा शरीरश्रोताका लक्षण ६ संस्कारकी आवश्यकता श्रोताओंके भेद ७ बाह्यशुद्धियां श्रोताओंके नाम ७ दैनिककार्यों का चिंतवन ग्रन्थके मूलविषय ८ बहिर्दिशा गमन विधान ध्यानके भेद ८ मलमूत्रोत्सर्गके योग्य स्थान आर्तध्यानके भेद और स्वरूप ९ मलमूत्रोत्सर्ग न करने योग्य स्थान रौद्रध्यानके भेद और स्वरूप ९ मलमत्रोत्सर्ग करने और न करने योग्य धर्मध्यानके भेद और स्वरूप . ९ अवस्था शुक्लध्यानके भेद और स्वरूप १० मलमूत्रोत्सर्ग करते समय यज्ञोपवीतकी पिंडस्थ, पदस्थ, रूपस्थ और व्यवस्था रूपातीत ध्यानोंके लक्षण १२ मलमूत्रोत्सर्ग करनेको बैठने की विधि शय्यासे उठते समय चितवन १२ सात प्रकारके मौन सामायिक कर्म १५ गुद परिमार्जन षडावश्यक और जपकरनेका उपदेश _१६ क्षेत्रपालक्षमामंत्र ३२ मंत्राराधनोपदेश १६ मलोत्सर्ग करते समय मुख करनेकी दिशाएं ३३ मंत्रोंके नाम और मंत्र ....... १६ जलाशयको गमन मंत्राराधनफल १९ गुदप्रक्षालनको बैठनेकी विधि हिंसादि पंच पापोंके भेद २० जलाशयमें गुदप्रक्षालन निषेध वशीकरण आदि मत्रोंकी जपविधि २१ शौच विधि उनके जपने योग्य उंगलियां और मालाएं २३ दो प्रकारका शौच आराधन और होममंत्र ___ २४ वर्गों के योग्य मिट्टी १२ ३३ سہ لس CWWWW لس له
SR No.023170
Book TitleTraivarnikachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSomsen Bhattarak, Pannalal Soni
PublisherJain Sahitya Prasarak Karyalay
Publication Year1924
Total Pages440
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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