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________________ ज्ञाताधर्मकथांग का सांस्कृतिक अध्ययन 129. वही 1/14/2 130. वही 1/17/2 131. वही 1/1/2-3 132. उपासकदशांग और उसका श्रावकाचारडॉ. सुभाष कोठारी, पृ. 217 133. स्थानांग सूत्र - 10/717 134. इहेव जम्बुद्वीपे भारवहासे दाणि मज्झिमखंड चम्पाणामणयरि - कुवलयमालाकहा 103/3 135. अत्थि इओ जोयणप्पमाण भूमिभाए बणाम वणं . वही, 223/6 136. जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन, पृ. 421 137. उवासगदसाओ - मुनि मधुकर, 1/3 138. प्राचीन भारतीय संस्कृति, कोश, पृ. 112-113 139. हिन्दी विश्वकोश (खण्ड- 4), पृ. 145 140. वही, पृ. 145 148 141. औपपातिक सूत्र (मुनि मधुकर ) 1/1, पृ. 3-4 142. ज्ञाताधर्मकथांग 1/4/2, 1/8/86 143. वही 1/8/86 144. हेमशब्दानुशासन 8 /2 /116 145. ज्ञाताधर्मकथांग 1/1/13, 1/2/2 146. वही 1/2/28 147. (i) स्थानांग 10-717, (ii) निशीथ सूत्र 9/19 148. आवश्यकचूर्णि - 2, पृ. 158 149. ज्ञाताधर्मकथांग 1/8 /25 150. वही 1/8/29 151. वही 1/8/72-75 152. वही 1/8 /51 153. उत्तराध्ययन- एक समीक्षात्क अध्ययन, पृ. 371 154. सुरूचि जातक (सं. 489), भाग - 4, q. 521-522 155. जातक - 406 (भाग-4), पृ. 27 156. 157. 158. 159. उत्तराध्ययन सूत्र 9/4 160. स्थानांग, 10/717 161. ज्ञाताधर्मकथांग 1/8/37 162. पतंजलिकालीन भारत, पृ. 123-124 163. ज्ञाताधर्मकथांग 1/8/79 164. जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज, विविध तीर्थकल्प, पृ. 32 दी एन्शियंट ज्योग्राफी ऑफ इण्डिया, पृ. 718 कल्पसूत्र, सूत्र 122, पृ. 41 पृ. 485 165. ज्ञाताधर्मकथांग 1/8/79-83 166. वही 1/8/79 167. जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज, पृ. 485 168. उत्तराध्ययन- 23/2 169. विविध तीर्थकल्प, पृ. 70 170. ज्ञाताधर्मकथांग 1/1/135, 1/14/30, 1/ 171. 172. 16/104 अमरकोश 2/3/19 106 (i) महापुराण 16/164 (ii) हरिवंश पुराण - 2/3 (iii) पद्मपुराण 3/318-327 173. (i) आचारांग चूर्णि, पृ. 281 (ii) निशीथ चूर्णि (भाग 3), पृ. 346 174. पाणिनिसूत्र 5/2/107 (वार्तिक) 175. 'यत्राष्टशतग्रामीय व्यवहारस्थानं मध्यवर्ति तत् नगरम्’ शब्दकल्पद्रुम (भाग-2), पृ. 817 176. 'ण एत्थ करा विज्जतीति नगर' आचारांग चूर्णि पृ. 281 177. ज्ञाताधर्मकथांग 1/1/30, 90 178.1/1/135, 1/14/30, 1/16/104 179. हरिवंश पुराणा 2/3 180. आदिपुराण में प्रतिपादित भारत, पृ. 78 181. द्रोहिं गम्मति जलेण विथलेण वि द्रोणमुखं । जहा भरूयच्छं तामलित्ति एवमादि । । - आचारांगचूर्णि, पृ. 282 -
SR No.023141
Book TitleGnatadharm Kathang Ka Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShashikala Chhajed
PublisherAgam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan
Publication Year2014
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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