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________________ ऊपर मूहूर्त का परिमाण बतलाया गया है। तीस मूहूर्त का अहोरात्र और पन्द्रह अहोरात्र का पक्ष (पखवाड़ा) होता है। एक मास में दो पक्ष होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महीने में कम ज्यादा दिन हो जाते हैं, इसलिए पक्ष में भी कम ज्यादा होते हैं। "आजकल संवत्सरों पर्व ज्योतिष के हिसाब से माना जाता है, लेकिन शास्त्रकारों ने काल के माप के लिए पांच संवत्सर अलग कर दिये हैं। शास्त्र में कहा है कि 77 लव का एक मुहूर्त होता है, 30 मुहूर्त का एक दिन-रात होता हे, 14 दिन-रात का एक पक्ष और 30 दिन-रात का एक मास होता है। इस काल गणना में किसी प्रकार की गड़बड़ नहीं पड़ती। काल-गणना की अनेक विधियां प्रचलित हैं। अंग्रेज लोग काल मापने के लिए ज्योतिष के सहारे नहीं रहे। उन्होंने तारीखें नियत कर ली हैं और चार वर्ष में एक दिन बढ़ा दिया है। अगर हमारे यहां जीव व्यवहार से ऐसा कोई नियम बना दिया जाये तो संवत्सरी आदि में कोई अन्तर न रहे। प्रश्न होता है, नियम किस आधार पर बनाया जाये ? इसका उत्तर स्पष्ट है-77 लव का एक मुहूर्त, 30 मूहूर्त का एक अहोरात्र, 15 अहोरात्र का एक पक्ष और दो पक्ष का एक मास होता हैं दो मास की एक ऋतु, तीन ऋतु का एक अयन और दो अयन का एक संवत्सर होता है। __ असुरकुमार का आहार जघन्य चार भक्त में बतलाया है। चार भक्त का अर्थ एक दिन आहार करे, फिर एक दिन और दो रात न खाकर तीसरे दिन खावे। इसे चतुर्थ भक्त कहते हैं। चतुर्थ भक्त उपवास की एक संज्ञा है। नागकुमार की दो पल्योपम की स्थिति कही गई है। यह उत्तर दिशा के नागकुमार की अपेक्षा से है। दक्षिण दिशा के नागकुमार की अपेक्षा डेढ पल्योपम की ही स्थिति है। मुहूर्त पृथक्त्व का अर्थ है, 77 लव बीतने पर एक मुहूर्त होता है और दो मुहूर्त से लेकर नौ मुहूर्त तक को मुहूर्त पृथक्त्व कहते हैं। दो से लेकर नौ तक की संख्या सिद्धान्त में पृथक्त्व कहलाती है। असुरकुमार से लेकर स्तनितकुमार तक का वर्णन किया गया है। इनके बीच में किन-किन का समावेश है, यह बात इस संग्रह गाथा से ज्ञात हो सकती है :२६२ श्री जवाहर किरणावली &0000000000000000000806 OOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO 88888888888888888888888
SR No.023134
Book TitleBhagwati Sutra Vyakhyan Part 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJawaharlal Aacharya
PublisherJawahar Vidyapith
Publication Year2006
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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