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________________ देवदाणवमणुआणं परिसा देवदाणवमणुअपरिसा, ताए देवदाणवमणुअपरिसाए (द्वन्द्व-षष्ठीतत्पुरुषो)। . समवसरणे भगवान् महावीरो देवदानवमनुजपर्ष दि चतुर्भिर्मुखैरर्धमागध्या भाषया धर्ममाचष्टे । हि. समवसरण में भगवान् महावीर देव, दानव और मनुष्यों की पर्षदा में चार मुख द्वारा अर्धमागधी भाषा से धर्म कहते है। 8. प्रा. तिसलादेवी चइत्तमासस्स सुक्कपक्खे तेरसीए तिहीए महावीरं पुत्तं पयाही। समास विग्रह :- चइत्तो य एसो मासो चइत्तमासो, तस्स चइत्तमासस्स (कर्मधारयः)। सुक्को य एसो पक्खो सुक्कपक्खो, तम्मि सुक्कपक्खे (कर्मधारयः) । सं. त्रिशलादेवी चैत्रमासस्य शुक्लपक्षे त्रयोदश्यां तिथौ महावीरं पुत्रं प्रजायत । हि. त्रिशलादेवी ने चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि में पुत्र महावीर को जन्म दिया । 9. प्रा. दसहिं दसेहिं सयं होइ, दसहिं सएहिं सहस्सं | दसहिं सहस्सेहिं अजयं, दसहि अजुएहि लक्खं च 117011 सं. दशभिर्दशभिः शतं भवति, दशभिः शतैः सहस्रम् । दशभिः सहस्त्रैरयुतं, दशभिरयुतैर्लक्षं च ||70|| हि. दस को दस से गुणा करने पर सौ होता है, दस को सौ से गणा करने पर हजार, दस को हजार से गुणा करने पर अयुत = दस हजार और दस को अयुत से गुणा करने पर लाख होता है। 10. प्रा. उसमे अरिहा कोसलिए पढमराया, पढममिक्खायरिए, पढमतित्थयरे, वीसं पुनसयसहस्साई कुमारवासे वसित्ता, तेवडिंपुब्बसयसहस्साई रज्जमणुपालमाणे लेहाइयाओ सउणरुअपज्जवसाणाओ बावत्तरिं कलाओ, चोवढि महिलागुणे, सिप्पाणमेगसयं, एए तिन्नि पयाहियट्ठाए उवदिसइ, उवदिसित्ता पुत्तसयं रज्जसए अभिसिंचइ, तत्तो पच्छा लोगतिएहिं देवेहिं संबोहिए संवच्छरियं दाणं दाऊण परिवइओ । समास विग्रह - पढमो य एसो राया पढमराया (कर्मधारयः)। पढमो य एसो भिक्खायरिओ पढमभिक्खायरिए (कर्मधारयः)। पढमो य एसो तित्थयरो पढमतित्थयरे (कर्मधारयः) । ASAN १३८ थ
SR No.023126
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaysomchandrasuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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