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________________ धातु अव-गण (अव+गण) अपमान करना , | फाल् । (पाटय) फाड़ना, चीरना अवगणना करनी . फाड़ । अवणे (अप+नी) दूर करना , खिसकाना | मंत् (मन्त्र) विचार करना चड् (आ+रोह) चढ़ना, आरोहण नि-मंत् (नि+मंत्र) निमंत्रण देना - आ-रोह करना वीसर् ) (वि+स्म) भूल जाना आ-रुह विस्सर) उद्धर (उद्+धर) उद्धार करना |वण्ण् (वर्ण) वर्णन करना, चक्ख् (आ-स्वाद) स्वाद लेना सेव् (सेव्) सेवा करना पाल् (पाल्) पालन करना हिन्दी में अनुवाद करें 1. अरिहंता सव्वण्णवो भवंति । 2. कयण्णुणा सह संसग्गो सइ कायव्वो । 3. छप्पआ महं चक्खेज्जा । 4. सूरओ जिणिंदस्स सासणस्स पहावगा संति । गुरुणो सीसाणं सुत्ताणमट्ठमुवदिसंति । 6. अहिण्णू सत्थाणमत्थेस् न मुज्झन्ति । 7. जइणो मणोज्जेसु उज्जाणेसु झाणं समायरन्ति । 8. साहवो तत्तेसं विम्हयं न पावेइरे । 9. सूरी साहूहिं सह आवासयाइं कम्माइं कुणइ । 10. साहुणो पमाआ सुत्ताणि वीसरेज्ज | 11. मुणी धम्मस्स तत्ताइं सूरिं पुच्छंति । 12. साहू गुरुहिं सह गामाओ गामं विहरते । 13. कइणो नरिंदस्स गुणे वण्णेइरे । 14. दुक्खेसु साहेज्जं जे कुणंति ते बंधवो अस्थि । . 15. तुं अंसूणि किं मुंचसि ? | 16. अज्जिणे ओसढं वारि । 17. भोयणस्स मज्झम्मि वारि अमयं । 18. सुत्तस्स मग्गेण चरेज्ज भिक्खू । - ६२
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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