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________________ पाठ - 11 इकारान्त और उकारान्त पुंलिंग तथा नपुंसकलिंग नाम पढमा, बीआ और तइआ विभक्ति प्रत्यय (३/४९, २०, ५, १८, २२, २४, ७, २५, २६) एकवचन बहुवचन इकारान्त पढमा - 0 . अउ, अओ, णो, ई. पुंलिंग बीआ - म् णो, ई. तइआ . णा हि, हिँ, हिं 1. उकारान्त नामों के प्रत्यय भी इकारान्त नामों के समान ही हैं लेकिन प्रथमा और द्वितीया बहुवचन में ई प्रत्यय के स्थान में उ प्रत्यय लगाया जाता है तथा प्रथमा बहुवचन में अवो प्रत्यय भी लगाया जाता है । (२/२१) 2. प्रथमा एकवचन, तृतीया बहुवचन और पंचमी के त्तो, णो को छोड़कर एकवचन तथा बहुवचन के प्रत्यय, षष्ठी और सप्तमी बहुवचन प्रत्ययों के पूर्व के इ-उ दीर्घ होते हैं । (३/१६, २२) उदा. मुणी, गुरू 3. प्रथमा, द्वितीया और संबोधन बहवचन में णो को छोड़कर शेष प्रत्यय लगाने पर पूर्व स्वर का लोप होता है । उदा.प. बहु. - गिरि + अउ = गिरउ, | भाणु + अवो = भाणवो. प. बहु. - गिरि + अओ = गिरओ, | भाणु + अउ = भाणउ. प. बहु. - गिरि + ई = गिरी, भाणु + ऊ = भाणू बी. बहु. - गिरि + ई = गिरी. । भाणु + ऊ = भाणू. 4. इकारान्त और उकारान्त नपुंसकलिंग प्रथमा और द्वितीया विभक्ति के प्रत्यय अकारान्त नपुंसकलिंग के समान हैं और तृतीया विभक्ति से. इकारान्त और उकारान्त पुंलिंग के समान हैं । मुणि (मुनि) पुंलिंग एकवचन बहुवचन मुणी मुणउ, मुणओ, मुणिणो, मुणी. मुणिणो, मुणी. मुणिणा मुणीहि, मुणीहिँ, मुणीहिं. Ipol F Cl मुणिं ५८
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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