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________________ त जोग पुं. (योग) व्यापार, योग णाम अ. (नाम) संभावना, जोगि पुं. (योगिन्) जोगी आमन्त्रण, अनुज्ञा, अनुमति जोग्ग वि. (योग्य), योग्य, उचित णायब्द वि. (ज्ञातव्य) जानने योग्य लायक णायार-णाउ वि. (ज्ञातृ) जानकार जोण्हा स्त्री. (ज्योत्स्ना) चन्द्र-प्रकाश णिच्चं अ. (नित्यम्) निरन्तर, जोयणपरिमंडल (योजनपरिमण्डल) हमेशां, सर्वदा गोलाकार योजन प्रमाण णिच्चसा अ. (नित्यशस्) निरन्तर जोवण नपुं (यौवन) तारुण्य, जवानी सर्वदा जोह पुं. (योध) सुभट, योद्धा णु अ. (हनु) वितर्क, प्रश्न, संशय गुणं, गुण अ. (नूनम्) निश्चय, तर्क, प्रयोजन, प्रश्न झडत्ति-झडित्ति-झत्ति अ. (झटिति) णेय (वि.) (ज्ञेय) जानने लायक शीघ्र, जल्दी, तुरंत णो अ. (नो) निषेध, प्रतिषेध, अभाव झाण नपुं. (ध्यान) ध्यान झुणि पुं. (ध्वनि) शब्द त स. (तत्) वह तओ-तत्तो-तए-तदो-तो अ. (ततः) उससे, उस कारण से, बाद में ठिअ वि. (स्थित) खड़ा रहा हुआ तणु स्त्री. (तनु) शरीर तत्त नपुं (तत्त्व) तत्त्व, रहस्य तत्तनाण नपुं. (तत्त्वज्ञान) तत्त्वज्ञान ण, अण्-णाइ अ. (न, नकार, तत्तवत्ता स्त्री. (तत्त्ववार्ता) तत्त्वों की नहीं, मत, निषेधार्थक अव्यय णउण-णउणो-णउणा-णउणाइ तया-तइआ-ता-तो अ. (तदा) उस अ. (न पुनः) फिर नहीं समय णै अ. (दे.) वाक्यालंकार तरु पुं. (तरु) वृक्ष , पेड़ णत्थि अ. (नास्ति) अभावसूचक तलाय नपुं. (तडाग) तालाब सरोवर. अव्यय तव पुं. (तपस्) तप णमो अ. (नमस्) नमस्कार तवस्सि-तवंसि पुं. (तपस्विन्) तपस्वी णवर-णवरं-णवरि अ. (दे.) केवल, तवोवण नपुं. (तपोवन) आश्रम फक्त तह-तहा अ. (तथा) उसी तरह ण बात -२५५
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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