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________________ उचिअ वि. (उचित) योग्य, लायक उवरि-उवरिं-अवरि-अवरिं अ. उच्च अ. वि. (उच्च-क) उन्नत, ऊँचा (उपरि) ऊपर, ऊर्ध्वं उच्छाह पुं. (उत्साह) उत्साह, --- उवस्सय पुं. (उपाश्रय) उपाश्रय, उत्कंठा, उत्सुकता जैन साधुओं का निवास स्थान उच्छाहसत्तिं (उत्साह-शक्तिम्) उवहि पुं. स्त्री. (उपधि) माया, उत्साह और शक्ति को . उपकरण, साधन उज्जअ वि. (उद्यत) तत्पर . उवाय पुं. (उपाय) उपाय उज्जम पुं. (उद्याम) उद्याम, उसह-उसभ-वसह पुं. (ऋषभ) उद्योग, प्रयत्न प्रथम जिनेश्वर का नाम (वृषभ) उज्जयंत पुं. (उज्जयन्त) गिरनार पर्वत बैल, साँड उज्जाण नपुं. (उद्यान) उद्यान, बगीचा उज्जोग पुं. (उद्योग) प्रयत्न, एअ-एग-एक-एक्क वि. (एक) एक उद्यम, उद्योग एक्कसरिअं अ- (दे.) उट्ठाय संबं-भू-(उत्थाय) उठकर शीघ्र ,जल्दी, अब उत्तम-उत्तिम वि. (उत्तम) श्रेष्ठ एक्कसि-एक्कसिअं-एक्कइआ-एगया उत्तर नपुं. (उत्तर) उत्तर, जवाब। अ. (एकदा) एक बार उत्तरा स्त्री. (उत्तरा) उत्तर दिशा एण्हि-एताहे अ. (इदानीम्) अब , उदग-दग नपुं. (उदक) पानी, जल । इस बार उदाहु-उयाहु अ. (उताहु) अथवा , या एत्थ-अत्थ अ. (अत्र) यहाँ, यहाँ पर उप्पल नपुं. (उत्पल) कमल एरावण पुं. (ऐरावण) इन्द्र का हाथी उम्मत्त वि. (उन्मत्त) उद्धत, उन्माद युक्त, पागल, भूताविष्ट एरिस वि. (ईदृश) ऐसा, इस प्रकार का उवएस (पुं) (उपदेश) उपदेश, . एव-एवं अ. (एवम्) इस प्रकार, इस रीति से शिक्षा, बोध उवंग पुं. नपुं. (उपाङ्ग) सत्र विशेष एव-णइ-चेअ-चिअ-च-च्च-च्चिअअंग के अर्थ का विस्तार करनेवाला सूत्र च्चेअ अ. (एव) अवधारण, निश्चय उवज्जिअ वि. (उपार्जित) पैदा ओ किया हुआ, कमाया हुआ | ओसढ-ओसह नपुं. (औषध) उवज्झाय-ऊज्झाय-ओज्झाय पुं. औषध, दवाई (उपाध्याय) उपाध्याय, पाठक, ओह पं. (ओघ) समूह, संघात, अध्यापक समुदाय -२४८ 530
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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